77 देशों के डेलिगेट्स महाकुंभ पहुंचे
प्रयागराज: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को ऐतिहासिक प्रयागराज में संगम की पवित्र नदियों में डुबकी लगाई। इस अवसर पर उनके साथ कई प्रमुख नेता और अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने कुम्भ मेला क्षेत्र में आस्था और धार्मिक महत्व की अनुभूति की।
इस साल के महाकुंभ मेले में वैश्विक स्तर पर 77 देशों से आए डेलिगेट्स ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की। यह मेला न केवल देश, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। महाकुंभ का आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक परंपराओं का अद्भुत उदाहरण पेश करता है, जहां करोड़ों लोग संगम में स्नान करने के लिए जुटते हैं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संगम में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं और उपस्थित डेलिगेट्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “यह पवित्र स्थल न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र है। महाकुंभ का आयोजन हमारे सांस्कृतिक धरोहर की महानता और धार्मिक एकता को प्रगट करता है।”
महाकुंभ मेला में भाग लेने वाले 77 देशों के डेलिगेट्स ने भी अपने अनुभव साझा किए। इन डेलिगेट्स ने भारतीय संस्कृति, धर्म, और परंपराओं के प्रति अपनी सराहना व्यक्त की। संगम के तट पर आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों ने अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों को भारतीय संस्कृति के बारे में और अधिक जानकारी दी।
महाकुंभ मेला विश्वभर में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुका है, जहां हर धर्म और जाति के लोग एक साथ आकर धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हैं। यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का एक बड़ा अवसर बनता है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने मेला प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजामों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति की पहचान को और मजबूत करेगा।