संगम पर भगदड़ से 15 की मौत, 50 से अधिक घायल
प्रयागराज। संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे के बाद संगम तट पर सशस्त्र कमांडो तैनात कर दिए गए और आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई। प्रशासन ने आस-पास के जिलों में भी अलर्ट जारी किया है ताकि और भीड़ न बढ़े।
सुबह साढ़े 9 बजे तक संगम में साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जानकारी लेते हुए लोगों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि संगम ही नहीं, गंगा हर स्थान पर पवित्र है, अतः श्रद्धालु वहीं स्नान करें, जहां वे हैं।
भगदड़ कैसे हुई?
अमृत स्नान के कारण अधिकतर पांटून पुल बंद कर दिए गए थे, जिससे संगम जाने वाली भीड़ लगातार बढ़ती गई। बैरिकेड्स में फंसने के कारण कुछ श्रद्धालु गिर पड़े, जिससे भगदड़ मच गई। एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग रास्ते नहीं होने से स्थिति बिगड़ गई।
हादसे के बाद प्रशासन की तत्परता
घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए 70 से अधिक एम्बुलेंस मौके पर भेजी गईं। हादसे के बाद प्रशासन ने संगम क्षेत्र में आम श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी और आस-पास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश की।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान
आज (29 जनवरी) महाकुंभ का 17वां दिन है और दूसरा शाही स्नान जारी है। सुबह 9 बजे तक 3.61 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। शहर में इस समय 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं। प्रशासन के अनुसार देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है। इससे पहले 28 जनवरी तक 19.94 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।
संतों ने पहले स्नान न करने का निर्णय लिया
हादसे के बाद अखाड़ों ने बैठक कर फैसला किया कि वे स्नान नहीं करेंगे। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा के बाद संतों ने सांकेतिक अमृत स्नान करने पर सहमति जताई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखाड़े अपने देवता के साथ सांकेतिक स्नान करेंगे, लेकिन कोई बड़ा जुलूस नहीं निकलेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने घटना के लिए वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार बार श्रद्धालुओं की स्थिति का जायजा लिया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
योगी आदित्यनाथ की अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। यह आयोजन श्रद्धालुओं का है और सरकार उनकी सेवा के लिए तत्पर है। कृपया संगम नोज पर जाने की अनिवार्यता न समझें, 15-20 किलोमीटर के दायरे में अस्थाई घाट बनाए गए हैं, आप जहां हैं, वहीं स्नान करें।”