प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के 15.63 लाख ग्रामीणों को उनके जमीन के मालिकाना हक का स्वामित्व कार्ड सौंपने के अवसर पर यह कहा कि स्वामित्व योजना से गांव और गरीब सशक्त होंगे और भारत के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने देशभर के 50,000 से अधिक गांवों के 65 लाख लाभार्थियों को उनके संपत्ति के अधिकार पत्रों का वितरण किया।
संपत्ति का अधिकार 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती का समाधान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि संपत्ति का अधिकार 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सर्वेक्षण के अनुसार, कई देशों में गरीबों के पास संपत्ति के अधिकार नहीं होते, जिसके कारण उनके पास ‘डेड कैपिटल’ होता है, यानी उन संपत्तियों पर वे कोई लेन-देन नहीं कर सकते। इस समस्या को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों का सर्वे कर उन्हें कानूनी रूप से मान्यता दी जा रही है। इससे ग्रामीणों को आर्थिक गतिविधियों में शामिल होने का अवसर मिलेगा और उनकी संपत्ति पर अतिक्रमण का खतरा भी कम होगा।
ड्रोन द्वारा संपत्ति की मैपिंग और कागजी कार्यवाही
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2014 में उनकी सरकार बनने के बाद स्वामित्व योजना को प्रारंभ किया गया। इसके तहत ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके जमीनों की मैपिंग की गई, जिससे गरीबों को अपनी संपत्ति के पक्के और कानूनी दस्तावेज मिले। अब तक देश के लगभग 6 लाख गांवों में से आधे से ज्यादा गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। इससे करीब 2.25 करोड़ ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल चुके हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
ग्राम स्वराज का सपना होगा साकार
प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के इस प्रयास को भी महत्वपूर्ण बताया। स्वामित्व योजना से ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का रास्ता मिलेगा, जिससे गांवों में समृद्धि आएगी और ग्रामीणों को आपदाओं के समय बेहतर मदद मिल सकेगी। इसके अलावा, यह योजना ग्रामीणों को समय पर उनकी संपत्ति के नुकसान की भरपाई और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में भी मददगार साबित होगी।
आर्थिक गतिविधियों का विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस योजना से करीब 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे गांवों में रोजगार और व्यापार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण, युवा सशक्तिकरण, और किसानों की भलाई के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का वक्तव्य
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस मौके पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना से गरीबों को सिर्फ संपत्ति का अधिकार ही नहीं, बल्कि उनका आत्मसम्मान भी बढ़ेगा। इसके साथ ही, सरकार ने महिला, युवा, और गरीब कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रदेश में 2.5 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान की जाएंगी, और गरीबों के लिए पक्के मकान भी बनाए जाएंगे।
औद्योगिक सम्मेलन और विकास योजनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। फरवरी 2025 में वैश्विक निवेश सम्मेलन के पहले, उन्होंने 7 स्थानों पर क्षेत्रीय औद्योगिक सम्मेलन किए हैं, जिनसे सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसके बाद जिला स्तर पर भी औद्योगिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
स्वामित्व योजना का लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने सीहोर जिले के ग्राम पंचायत पीपलिया मीरा के एक लाभार्थी, मनोहर मेवाड़ा से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने बताया कि स्वामित्व योजना से उन्हें अपनी जमीन का कानूनी दस्तावेज मिला, जिससे उन्हें बैंक से 10 लाख रुपये का लोन मिला और उन्होंने डेयरी फार्म शुरू किया। अब वे हर महीने 30 हजार रुपये कमा रहे हैं, जिसमें से 16 हजार रुपये की किस्त वे नियमित रूप से बैंक में जमा करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मनोहर के अनुभव को साझा करते हुए खुशी व्यक्त की कि स्वामित्व योजना से उनके जीवन में बदलाव आया है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की महत्वता
इस योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि गरीबों और ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का कानूनी अधिकार मिले, जिससे वे न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगे, बल्कि समाज में उनका सम्मान भी बढ़ेगा।