January 9, 2025 9:38 PM

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आंध्र प्रदेश में नया मिसाइल परीक्षण रेंज बनाने के लिए एफकॉन्स से 1,084 करोड़ रुपये का अनुबंध

आंध्र प्रदेश में नया मिसाइल परीक्षण रेंज बनाने के लिए 1,084 करोड़ का अनुबंध, 36 महीने में पूरा होगा

नई दिल्ली। भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत करने के लिए एक और मिसाइल परीक्षण रेंज स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। यह नई मिसाइल परीक्षण रेंज आंध्र प्रदेश के नागयालंका क्षेत्र में बनाई जाएगी, जो विशेष रूप से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, टैंक रोधी मिसाइल, और सामरिक मिसाइल प्रणालियों के परीक्षण के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मुंबई की एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से 1,084.54 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है। परियोजना को 36 महीने यानी तीन साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

नई मिसाइल परीक्षण रेंज का महत्व

यह नया रेंज भारतीय सेना की मिसाइल परीक्षण क्षमताओं को बढ़ाने और विकासशील सामरिक मिसाइल प्रणालियों के परीक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करेगा। यह रेंज विशेष रूप से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, टैंक रोधी मिसाइलें, और अन्य सामरिक रक्षा प्रणालियों के परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण होगी। फिलहाल, भारत में मिसाइल परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किया जाता है, लेकिन इस नए रेंज के निर्माण से परीक्षण की सुविधा में विस्तार होगा, जिससे रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री की पहल से मिली गति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले वर्ष अक्टूबर में सुरक्षा मामलों की केंद्रीय कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने आंध्र प्रदेश के नागयालंका क्षेत्र में एक नई मिसाइल परीक्षण रेंज बनाने की मंजूरी दी थी। इस निर्णय ने भारत की सैन्य क्षमता को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में लगातार निवेश और विकास की दिशा में कई अहम परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।

डीआरडीओ और एफकॉन्स के बीच अनुबंध

डीआरडीओ और एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के बीच हुआ यह अनुबंध विशेष रूप से मिसाइल परीक्षण सुविधाओं के निर्माण के लिए है। एफकॉन्स कंपनी को 36 महीनों के भीतर नागयालंका में मिसाइल परीक्षण रेंज के निर्माण का कार्य पूरा करना है। यह परियोजना डीआरडीओ की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह अपनी रक्षा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विशेषज्ञ कंपनियों के साथ काम कर रहा है। एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर, जो बड़ी रक्षा परियोजनाओं को सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल कार्यों के साथ निष्पादित करने में सक्षम है, इस परियोजना के लिए उपयुक्त कंपनी मानी जाती है।

कार्यशाला और परीक्षण सुविधाओं का उन्नयन

डीआरडीओ ने विशाखापट्टनम में मिसाइल परीक्षण कॉम्प्लेक्स (एमटीसी) के उन्नयन, सामरिक अनुप्रयोग सुविधा (एसएएफ) की स्थापना और अन्य महत्वपूर्ण परीक्षण सुविधाओं के निर्माण की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया है। इन सुविधाओं में विभिन्न प्रकार की मिसाइल प्रणालियों के परीक्षण की तैयारी की जा रही है, जैसे कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, मानव पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और सामरिक डोमेन में अन्य प्रणालियां। इन उन्नत परीक्षण सुविधाओं के निर्माण से भारत की रक्षा प्रणालियों की जांच और सुधार की प्रक्रिया तेज होगी।

मछुआरों और स्थानीय विरोध के कारण रोक

भारत में रक्षा परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान कई बार स्थानीय समुदायों द्वारा विरोध देखा जाता है। उदाहरण के तौर पर, पश्चिम बंगाल में भी मिसाइल परीक्षण रेंज स्थापित करने की योजना थी, लेकिन मछुआरों और स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण यह योजना रुकी हुई है। विरोध के कारण वहां पर निर्माण कार्य रोक दिया गया था। वहीं, आंध्र प्रदेश में स्थानीय स्तर पर इस परियोजना के लिए सहमति बन गई है, जिससे काम तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

भारत की रक्षा क्षमता का विस्तार

भारत अपने रक्षा क्षेत्र को आधुनिक बनाने और मिसाइलों के परीक्षण और विकास के लिए नई सुविधाओं का निर्माण कर रहा है। यह प्रयास भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान संस्थानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देश की सामरिक रक्षा प्रणाली और मिसाइल क्षमता को उन्नत किया जा सके। नए परीक्षण रेंज के निर्माण से भारत अपनी मिसाइल विकास प्रक्रिया में और तेजी लाएगा और वैश्विक रक्षा शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा।

कुल मिलाकर, यह नई मिसाइल परीक्षण रेंज भारतीय रक्षा प्रणाली के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल देश की सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि विश्वभर में भारत की सैन्य ताकत को भी प्रदर्शित करेगा।

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