प्रयागराज, 5 जनवरी (हि.स.)। आगामी कुंभ मेला, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में आयोजित होगा, में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के प्रबंधन के लिए विशेष उपाय तैयार किए हैं। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए एक सहज और सुरक्षित यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने व्यापक योजना बनाई है।
रेलवे की योजना और सुरक्षा: शशिकांत त्रिपाठी के अनुसार, रेलवे ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एकतरफा आवाजाही सुनिश्चित की है, ताकि यात्री एक-दूसरे से टकराने से बच सकें। यात्रियों को उनके संबंधित प्लेटफार्मों तक पहुंचने से पहले ‘यात्री केंद्र’ ले जाया जाएगा, जिससे प्लेटफार्म पर भ्रम और अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके।
विशेष ट्रेन सेवाएं: भारतीय रेलवे ने तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए कुल 13,000 ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है, जिसमें 10,000 नियमित ट्रेनें और 3,000 विशेष सेवाएं शामिल हैं। लंबी दूरी के लिए लगभग 700 मेला विशेष ट्रेनें चलेंगी, जबकि 1,800 छोटी दूरी की ट्रेनें 200-300 किलोमीटर के दायरे में चलेंगी। विशेष रिंग रेल सेवाएं भी तैयार की जा रही हैं जो प्रयागराज, चित्रकूट, बनारस और अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को जोड़ेंगी।
कुंभ मेला की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: कुंभ मेला हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है, और यह गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित होता है। स्वतंत्र भारत में आयोजित पहले कुंभ मेले में, जो 1954 में हुआ था, लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। वही मेला 2025 में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।
वृद्धि का आंकड़ा: 1954 में कुंभ मेला आयोजन में 36 ट्रेनों का उपयोग किया गया था, जबकि 2025 में रेलवे द्वारा 13,000 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि मेला के आयोजनों में यात्री संख्या और परिवहन की संख्या में कितना बड़ा इज़ाफा हुआ है।
मॉक ड्रिल और सुरक्षा उपाय: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने शनिवार को स्थानीय एजेंसियों के साथ मिलकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया, ताकि कुंभ मेला के दौरान आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की जा सके। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया हो।
कुंभ मेला 2025: यह महाकुंभ मेला एक भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव होगा जिसमें आध्यात्मिक और पर्यटक आकर्षणों के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। लाखों श्रद्धालु इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रयागराज आएंगे, और विभिन्न धार्मिक क्रियाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की जाएंगी।
कुंभ मेला 1954 और 2025 की तुलना:
- 1954 में लगभग 50 लाख तीर्थयात्रियों ने कुंभ मेला में भाग लिया।
- 2025 में अनुमानित 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है।
- 1954 में 36 ट्रेनों का उपयोग किया गया था, जबकि 2025 में 13,000 ट्रेनें चलाए जाने की योजना है।
इस विस्तृत तैयारी के तहत प्रशासन और रेलवे दोनों ही यह सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध हैं कि कुंभ मेला 2025 एक सुरक्षित और व्यवस्थित धार्मिक यात्रा हो।