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February 5, 2025 4:14 PM

संभल में प्राचीन बावड़ी की खोज जारी: एएसआई का सर्वे आठवें दिन भी जारी

संभल में एएसआई द्वारा प्राचीन बावड़ी की खोज जारी, सड़क के नीचे मिला भूमिगत कमरा"

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी के लक्ष्मणगंज मोहल्ले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा प्राचीन बावड़ी की खोज का काम आठवें दिन भी जारी रहा। शनिवार को मजदूरों की टीम ने बावड़ी की खुदाई और सफाई का काम किया। अब तक की खुदाई में बावड़ी की 14 से अधिक सीढ़ियां और सीमेंट के बने खंभे मिल चुके हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक महत्व का माना जा रहा है और बावड़ी के कुएं और सिरे का पता लगाने के लिए खुदाई का काम जारी रहेगा।

अतिक्रमण हटाने की तैयारी

चंदौसी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि एएसआई टीम ने बावड़ी के ऊपर किए गए अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया है। बावड़ी के ऊपर बने तीन मकानों पर भी जल्द ही अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शनिवार को मजदूरों की एक टीम ने बावड़ी की ऊपरी मंजिल के गलियारों से मिट्टी निकालने का काम शुरू किया, जबकि दूसरी टीम सड़क के हिस्से में कुएं और बावड़ी के सिरे की खोज में जुटी रही।

सड़क के नीचे मिला भूमिगत कमरा

खुदाई के दौरान सड़क के नीचे एक भूमिगत कमरा मिला। मजदूरों ने जब सड़क की मिट्टी हटाई, तो गड्ढा नजर आया। इसके बाद पत्थर उखाड़ने पर चार दीवारों वाला एक कमरा दिखाई दिया, जिसकी सभी दीवारों पर गेट बने हुए थे। स्थानीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह कमरा संभवतः बावड़ी का कुआं हो सकता है।

भूमिगत संरचना के संकेत

नगर पालिका के अधिकारियों के अनुसार, बावड़ी की संरचना सड़क के नीचे इंटरलॉकिंग प्रणाली के माध्यम से फैल सकती है। बावड़ी का गेट सड़क के दूसरी ओर स्थित है, जहां दोनों तरफ दो मकान बने हुए हैं। इन मकानों को हटाने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा।

मजदूरों और एएसआई की मेहनत

चंदौसी नगर पालिका के 50 मजदूर सुबह से शाम 5 बजे तक बावड़ी की सफाई और खुदाई में लगे रहे। शनिवार को खुदाई का काम शाम को रोक दिया गया और अब रविवार को इसे फिर से शुरू किया जाएगा।

ऐतिहासिक महत्व की संरचना

विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्राचीन बावड़ी मध्यकालीन काल की हो सकती है। ऐसी बावड़ियां न केवल पानी के स्रोत के रूप में काम करती थीं, बल्कि इनका सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी था।

स्थानीय जनता की उत्सुकता

लक्ष्मणगंज और आसपास के क्षेत्रों में बावड़ी की खुदाई को लेकर लोगों में उत्सुकता है। स्थानीय लोग इस संरचना के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को जानने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

एएसआई की योजना

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस प्राचीन बावड़ी के सिरे और कुएं का पता लगाने के लिए विस्तृत सर्वे और खुदाई कर रही है। आने वाले दिनों में इस बावड़ी के रहस्यों से पर्दा उठने की संभावना है।


प्राचीन बावड़ी की खोज मणिपुर के इतिहास और संस्कृति को समझने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह संरचना स्थानीय विरासत को पुनर्जीवित कर सकती है और इसके संरक्षण की दिशा में एक नई पहल बन सकती है।

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