भोपाल: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) और लोकायुक्त पुलिस द्वारा की जा रही जांच में नया मोड़ आया है। सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ था, और अब उसकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। इसका मतलब यह है कि देश के किसी भी एयरपोर्ट से सौरभ की गिरफ्तारी हो सकती है, और यदि वह देश में ही है, तो वह देश से बाहर नहीं जा सकेगा। जांच एजेंसियों के लिए यह बड़ा कदम है, क्योंकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह कहां है। पहले कुछ जानकारी आई थी कि सौरभ शर्मा दुबई में हो सकता है, लेकिन अब लुकआउट सर्कुलर के कारण एयरपोर्ट्स पर उसकी नजर रखी जाएगी।
जांच के प्रमुख तथ्य और छापेमारी के दौरान हुए खुलासे
सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई तब तेज हुई जब मेंडोरा इलाके में उसकी कार से सोना और नकदी की तस्दीक की गई। जांच में यह पुष्टि हुई कि यह कार सौरभ सक्सेना से जुड़ी थी, जो ग्वालियर निवासी चेतन सिंह गौर के नाम पर पंजीकृत थी। इस खुलासे के बाद जांच तेज़ी से आगे बढ़ी। चेतन सिंह गौर के बयान के बाद आयकर विभाग ने अब सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी शरद जायसवाल को नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा, सौरभ की मां, पत्नी और अन्य परिजनों को राजधानी भोपाल स्थित चूना भट्टी इलाके के रेस्टारेंट ‘फोगीट’ से संबंधित मामले में नोटिस जारी किए जाएंगे।
काले धन का सोने और चांदी में रूपांतरण
सूत्रों के अनुसार, सौरभ शर्मा को जो करोड़ों रुपए मिलते थे, उन्हें वह जल्दी से सोने और चांदी में बदल लेता था। इस तरह से वह अपनी काली कमाई को सुरक्षित रखता था। छापेमारी के दौरान सौरभ की गाड़ी से 54 किलो सोना बरामद किया गया। आयकर विभाग और अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ है कि सौरभ शर्मा ने अपने काले धन को सहेजने के लिए सोने और चांदी का जमावड़ा किया था।
पैसे की सुरक्षा के लिए दीमक रोधी उपाय
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के ठिकानों से 1.72 करोड़ रुपए जब्त किए हैं, जिनमें से कई पैकेटों में दीमक से बचाने के लिए केमिकल वाला बोरिक पाउडर डाला गया था। यह बोरिक पाउडर पैसे को दीमक से बचाने के लिए उपयोग किया जाता था। इनमें से कुछ पैकेटों पर 2022 की मुहर लगी थी, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि इन पैसों को दो साल से ज्यादा समय से रखा गया था।
नोटों की सुरक्षा और गिनती के उपकरण
छापे के दौरान अधिकारियों को एक और महत्वपूर्ण खुलासा हुआ। उन्हें नोटों से भरे कार्टून के अलावा, एक अन्य कार्टून भी मिला जिसमें छोटे ताले थे। इन ताले का उपयोग नोटों से भरी अटैचियों में सुरक्षा के लिए किया जाता था। सभी ताले खुले हुए पाए गए थे, जिससे यह साफ हो गया कि नोटों की सुरक्षा और गिनती के लिए यह उपकरण इस्तेमाल हो रहे थे। इसके अलावा, छापे में नोट गिनने और बंडल बनाने की मशीनें भी मिलीं। बताया जाता है कि सौरभ शर्मा दिवाली के मौके पर इन मशीनों का इस्तेमाल करता था और अपने परिचितों को टीवी जैसे महंगे उपहार देता था।
सौरभ शर्मा की काली कमाई के मामले में प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रियता ने एक बड़ा मोड़ लिया है। लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद, अब उसकी गिरफ्तारी को लेकर बड़ी कार्रवाई की संभावना है। साथ ही, सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के खिलाफ जांच एजेंसियां जल्द ही और सख्त कदम उठा सकती हैं। यह मामला अब जांच एजेंसियों की नजरों में है, और इससे जुड़े तमाम पहलुओं को और गहराई से खंगाला जा रहा है।