नई दिल्ली: भारत पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 की मेजबानी करेगा। यह ऐतिहासिक टूर्नामेंट 26 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 के बीच राजधानी के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होगा। विश्व पैरा एथलेटिक्स (डब्ल्यूपीए) ने इस घोषणा के साथ भारत को अंतरराष्ट्रीय खेलों में एक नई पहचान दी है।
भारत में पहली बार, लेकिन एशिया में चौथी बार
हालांकि यह चैंपियनशिप भारत में पहली बार आयोजित होगी, लेकिन यह एशिया में चौथी बार आयोजित की जाएगी। इससे पहले यह टूर्नामेंट:
- 2015 में दोहा (कतर)
- 2019 में दुबई (यूएई)
- और 2024 में कोबे (जापान) में आयोजित हो चुका है।
यह आयोजन भारत के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है।
चैंपियनशिप से पहले ग्रैंड प्रिक्स का आयोजन
2025 में भारत न केवल विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप बल्कि विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स की भी मेजबानी करेगा। यह ग्रैंड प्रिक्स 11 से 13 मार्च 2025 के बीच नई दिल्ली में आयोजित होगी। यह आयोजन विश्व स्तर पर भारत की खेल महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करेगा।
एनपीसी इंडिया का बयान: भारत के लिए गर्व का क्षण
भारतीय राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (एनपीसी) ने इस ऐतिहासिक घोषणा पर खुशी जताते हुए कहा,
“एनपीसी इंडिया को भारत में पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है। यह आयोजन न केवल पैरालंपिक खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की वैश्विक खेल महाशक्ति बनने की यात्रा का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है। यह आयोजन भविष्य में 2036 ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए हमारी दावेदारी को मजबूत करेगा।”
खेलों के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा
इस आयोजन का उद्देश्य न केवल खेल के क्षेत्र में भारत की पहचान को मजबूती देना है, बल्कि यह पैरालंपिक खिलाड़ियों और विकलांग व्यक्तियों के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा देगा।
भारत की तैयारियों पर विशेष ध्यान
एनपीसी इंडिया और भारतीय खेल मंत्रालय ने पहले ही इस आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी ताकि यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए यादगार बन सके।
भारत के लिए क्या है महत्व?
- अंतरराष्ट्रीय पहचान: यह आयोजन भारत को वैश्विक खेल नक्शे पर और मजबूती देगा।
- स्थानीय खिलाड़ियों को प्रोत्साहन: भारतीय पैरा एथलीटों को अपने देश में प्रतिस्पर्धा का मौका मिलेगा।
- आर्थिक प्रभाव: इस आयोजन से देश में पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 की मेजबानी भारत के खेल इतिहास के लिए एक गौरवशाली पल होगा। यह आयोजन भारत के खेल क्षेत्र में न केवल नई संभावनाओं को जन्म देगा, बल्कि समाज में समावेशिता और समानता के संदेश को भी सशक्त करेगा।