December 23, 2024 8:52 PM

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ब्रिटेन की संसद में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठा, विदेश मंत्रालय ने सख्त कदम उठाने के दिए संकेत

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ब्रिटेन की संसद में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का मुद्दा उठाते सांसद बॉब ब्लैकमैन"

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर ब्रिटेन की संसद में चिंता जताई गई। कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने संसद में यह मुद्दा उठाया और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा को गंभीर रूप से उठाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हो रहा है, उनके मंदिरों को जलाया जा रहा है और उनके आध्यात्मिक नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है।

सांसद ने कहा कि यह सीधे तौर पर हिंदू समुदाय पर हमला है और इसके लिए जिम्मेदार बांग्लादेश सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह स्थिति जारी रही तो भारत को इस पर कड़ा कदम उठाने का अधिकार होगा। ब्लैकमैन ने यह भी कहा कि ब्रिटेन को इस मुद्दे को गंभीरता से देखना चाहिए क्योंकि बांग्लादेश की स्वतंत्रता में ब्रिटेन का भी हाथ था और ऐसे में यह ब्रिटेन की जिम्मेदारी बनती है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाले।

इसके साथ ही, लेबर पार्टी की सांसद लूसी पावेल ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई और कहा कि वह विदेश मंत्रालय से बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर बांग्लादेश सरकार से चर्चा करने को कहेंगी।

भारत ने भी जताई चिंता
भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के मामले को गंभीरता से लिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है और बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया है कि वह हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का संकेत दिया है और भारत ने यह भी कहा है कि अगर बांग्लादेश की सरकार ने इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए, तो भारत को अपनी प्रतिक्रिया देने का अधिकार होगा।

सख्त कदम उठाने के संकेत
भारत ने कहा है कि वह बांग्लादेश सरकार से उम्मीद करता है कि वह इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने की बात भी की है।

यह मुद्दा न केवल बांग्लादेश और भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का सवाल बन गया है।

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