प्रयागराज, 2025। महाकुंभ मेला, जो एक बार 12 साल में आयोजित होता है, इस बार भी अपने अद्भुत आयोजन और धार्मिक महत्व के लिए चर्चा में है। मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए भारी संख्या में भाग लिया। इस दिन विशेष रूप से अखाड़ों का अमृत स्नान जारी है, जहां लाखों साधु-संत और श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे हैं।
अखाड़ों का अमृत स्नान और प्रशासन की सक्रियता
महाकुंभ मेला में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को सबसे अहम प्राथमिकता दी है। वर्तमान में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। पुलिस और प्रशासन की टीमें घाटों पर मौजूद हैं और श्रद्धालुओं को संगम नोज की ओर न जाने की सलाह दे रहे हैं। प्रशासन ने अपील की है कि लोग जहां पर भी हैं, वहीं स्नान का आनंद लें और बिना किसी जोखिम के अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करें।
ड्रोन से सुरक्षा और निगरानी
संगम के घाटों पर भारी भीड़ के चलते प्रशासन ने ड्रोन की मदद से इलाके की निगरानी शुरू की है। इस माध्यम से अधिकारियों को भीड़ की स्थिति का सही आकलन हो रहा है और श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित स्थान पर स्नान करने की दिशा में मार्गदर्शन मिल रहा है। इसके साथ ही घाटों पर पुलिस बल की संख्या भी बढ़ा दी गई है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार दोपहर 12 बजे तक करीब 4.24 करोड़ लोग पवित्र डुबकी लगा चुके थे। इस विशेष दिन के दौरान, कुल श्रद्धालुओं की संख्या 20 करोड़ के पार पहुंच गई, जो महाकुंभ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
संगम नोज पर अधिक भीड़
हालांकि प्रशासन ने संगम नोज की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने आग्रह किया है कि श्रद्धालु इस स्थान पर जाने से बचें और अन्य घाटों पर स्नान करें ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
इस साल के महाकुंभ मेला में पर्यावरण का खास ध्यान रखा गया है। ‘ग्रीन गेम्स’ की पहल के तहत सभी घाटों पर पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। इस बार के महाकुंभ में पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
अंतिम अपील और व्यवस्थाएं
प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से फिर से अपील की है कि वे अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें और संगम नोज की ओर न बढ़ें। घाटों पर सभी प्रकार की चिकित्सा सेवाएं और जल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। साथ ही, पुलिस बल की तैनाती और घाटों की सफाई के काम को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि इस धार्मिक आयोजन को सुगम और सुरक्षित बनाया जा सके।
महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक विशाल आयोजन है, जो लाखों श्रद्धालुओं को एक साथ लाता है। इस बार भी यह मेला अपने आप में अनूठा साबित हो रहा है।