डीजीसीए की भूमिका भी जांच के दायरे में, यात्रियों से माफी—सरकार बोली: यह सामान्य गलती नहीं, लापरवाही के संकेत

नई दिल्ली । इंडिगो संकट लगातार गहराता जा रहा है और इसके असर से पूरे देश में हवाई यात्राएं चरमराई हुई हैं। हजारों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी है। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए एयरलाइन के संचालन और नियामक डीजीसीए दोनों को जांच के दायरे में लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट कहा कि यह “साधारण फेलियर नहीं, बल्कि गंभीर और संभवतः जानबूझकर हुई लापरवाही” का मामला लगता है। मंत्री ने यात्रियों से माफी मांगते हुए बताया कि सरकार जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इंडिगो के सीईओ को भी हटाने से पीछे नहीं हटेंगे। “जो कानूनी कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी।” नायडू ने यह भी बताया कि वह पिछले सात दिनों से लगातार मीटिंग कर रहे हैं और मुश्किल से सो पाए हैं, क्योंकि प्राथमिकता सिर्फ यात्रियों की तकलीफ कम करना है।

इंडिगो ने क्षमता से अधिक उड़ानें लीं, डीजीसीए ने खोले कई खुलासे

डीजीसीए की जांच में सामने आया है कि इंडिगो ने अपनी वास्तविक क्षमता से अधिक उड़ानें अपने शेड्यूल में शामिल कीं। एयरलाइन ने दावा किया कि उसके पास 403 विमान हैं, जबकि अक्टूबर में सिर्फ 339 और नवंबर में 344 विमान ही उड़ान भर सके। नवंबर में शेड्यूल की 64,346 उड़ानों में से 59,438 ही उड़ान भर पाईं—यानी लगभग 4,900 उड़ानें कम। इससे स्पष्ट है कि कंपनी ने विंटर शेड्यूल में 6% ज्यादा उड़ानें लेकर सिस्टम पर अनावश्यक दबाव बना दिया। डीजीसीए के अधिकारियों ने कहा कि सर्दियों में मौसम के कारण पहले से ही ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण होते हैं, फिर भी इंडिगो ने 26 अक्टूबर से शुरू हुए शीतकालीन समय में पिछले वर्ष की तुलना में 9.66% अधिक उड़ानें शामिल कर लीं, जबकि इतनी क्षमता व्यावहारिक रूप से मौजूद नहीं थी। इससे पूरे नेटवर्क में अव्यवस्था फैल गई।

सरकार ने 10% उड़ानें घटाने का आदेश दिया

संकट की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इंडिगो पर बड़ा एक्शन लिया है। आदेश दिया गया है कि एयरलाइन अपनी 10% उड़ानें तुरंत कम करे। यह कटौती उन रूट्स पर होगी जहाँ मांग और आवागमन सबसे अधिक है। इसके चलते रोजाना चलने वाली लगभग 2300 उड़ानों में से करीब 230 उड़ानें बंद होंगी। इसके साथ ही डीजीसीए ने इंडिगो को बुधवार शाम 5 बजे तक नया संशोधित फ्लाइट शेड्यूल जमा करने का निर्देश दिया है। पिछले कुछ दिनों में स्थिति लगातार बिगड़ती गई है। मंगलवार को अकेले 422 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। पिछले आठ दिनों में देशभर में लगभग 5,000 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई है।

आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई

इंडिगो संकट पर अब न्यायिक स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है। आज दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी, जिसमें प्रभावित यात्रियों की समस्याओं और एयरलाइन की जिम्मेदारी को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होने की संभावना है। सरकार, डीजीसीए और एयरलाइन के बीच चल रही यह जांच आने वाले दिनों में बड़े बदलावों का संकेत दे रही है। यह संकट न केवल एयरलाइन के संचालन मॉडल पर, बल्कि नियामक तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।

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