- क्रिप्टोकरेंसी संपत्तियों से जुड़े 200 करोड़ रुपए की बेहिसाबी धनराशि का पता लगाने में व्हाट्स एप की मदद मिली
नई दिल्ली । कर चोरों के ऊपर यह डिजिटल आफत है। यदि वे व्हाट्स एप चला रहे हैं तो सरकार की उनकी कड़ी निगाह है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि गूगल मैप्स के इतिहास ने नकदी के ठिकानों का पता लगाने में मदद की और इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल ‘बेनामी’ संपत्ति के स्वामित्व का पता लगाने के लिए किया गया। क्रिप्टोकरेंसी संपत्तियों से जुड़े 200 करोड़ रुपए की बेहिसाबी धनराशि का पता लगाने में व्हाट्स एप की मदद मिली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को नए आयकर विधेयक, 2025 के प्रावधानों का बचाव करते हुए संसद को यह सूचित किया। लोकसभा को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर अधिकारियों को डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंच प्रदान करना कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है। मनीकंट्रोल ने वित्त मंत्री के हवाले से कहा कि मोबाइल फोन पर एन्क्रिप्टेड संदेशों से 250 करोड़ रुपए की बेहिसाबी धनराशि का पता चला। क्रिप्टो संपत्तियों के व्हाट्सएप संदेशों से सबूत मिले हैं। व्हाट्सएप संचार से 200 करोड़ की बेहिसाबी धनराशि का पता लगाने में मदद मिली। सीतारमण ने यह भी उल्लेख किया कि नकदी छिपाने के लिए अक्सर जाने वाले स्थानों की पहचान करने के लिए गूगल मैप्स इतिहास का उपयोग किया गया था, और ‘बेनामी’ संपत्ति के स्वामित्व का पता लगाने के लिए इंस्टाग्राम खातों का विश्लेषण किया गया था।
नया आयकर विधेयक
13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया आयकर विधेयक 2025, आयकर अधिनियम 1961 को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करता है। अधिकांश मूल प्रावधानों को बरकरार रखते हुए विधेयक का प्राथमिक ध्यान भाषा को सरल बनाने और अनावश्यक धाराओं को हटाने पर है। बिल में एक महत्वपूर्ण अपडेट वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों को अघोषित आय की परिभाषा में शामिल करना है, जिसमें डिजिटल टोकन, क्रिप्टोकरेंसी और मूल्य के अन्य क्रिप्टोग्राफ़िक प्रतिनिधित्व को शामिल करने के लिए कवरेज का विस्तार किया गया है।