Trending News

April 19, 2025 7:47 AM

पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, वेतन लौटाने की जरूरत नहीं

west-bengal-25000-teacher-appointments-cancelled-supreme-court

सर्वोच्च न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर लगाई मुहर

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध घोषित करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा है। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया फर्जी तरीके से की गई थी। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि नियुक्त शिक्षकों को अपना वेतन वापस नहीं लौटाना होगा

नए भर्ती प्रक्रिया में कुछ को मिल सकती है छूट

सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि नई भर्ती प्रक्रिया में उन अभ्यर्थियों को शामिल होने की छूट दी जा सकती है, जो दागी नहीं हैं10 फरवरी को सुरक्षित रखे गए इस फैसले को गुरुवार को सुनाया गया

इससे पहले 7 मई 2024 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर अस्थायी रोक लगाई थी। लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को सही ठहराते हुए राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी

राज्य सरकार ने फैसले को बताया अन्यायपूर्ण

पश्चिम बंगाल सरकार ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि स्कूलों में पढ़ाई ठप हो जाएगी। राज्य सरकार का आरोप था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बिना उचित सुनवाई के फैसले दिए और यह शिक्षा व्यवस्था पर सीधा प्रहार है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल 2024 को अपने फैसले में कहा था कि 24 हजार से अधिक नियुक्तियां अवैध हैं और इनके तहत प्राप्त वेतन को वापस लौटाया जाए। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने अब वेतन वापसी के आदेश को रद्द कर दिया है।

ममता बनर्जी का बयान – ‘असहमत, लेकिन मानेंगे आदेश’

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर असहमति जताई है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अदालत के फैसले का पालन करेगी

राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा—
“मैं न्यायपालिका और न्यायाधीशों का अत्यधिक सम्मान करती हूं, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती।”

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी और जरूरत पड़ने पर फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है

Read This : दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध जारी, सुप्रीम कोर्ट ने बैन को सही ठहराया

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram