नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को अपने पूर्व आदेश को बरकरार रखते हुए पटाखों पर पूरी तरह से लगाए गए बैन को सही ठहराया। साथ ही, एनसीआर के राज्यों को निर्देश दिया कि वे इस प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
ग्रीन पटाखों पर भी छूट नहीं
पटाखा निर्माता कंपनियों ने कोर्ट में दलील दी कि ग्रीन पटाखों से 30 प्रतिशत कम प्रदूषण होता है, इसलिए इन पर छूट दी जानी चाहिए। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB), एनईईआरआई (NEERI) और सीएसआईआर (CSIR) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कंपनियों ने कहा कि ग्रीन पटाखे पर्यावरण के लिए उतने हानिकारक नहीं हैं।
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया। जस्टिसों ने कहा कि जब तक यह पूरी तरह साबित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से न के बराबर प्रदूषण होता है, तब तक प्रतिबंध में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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सुनवाई के दौरान मुकेश जैन नाम के एक व्यक्ति ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर पटाखों पर प्रतिबंध का विरोध किया। उन्होंने दावा किया कि पटाखे वायुमंडल को शुद्ध करते हैं और प्रतिबंध एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है।
जब न्यायमूर्ति ओका ने उनसे पूछा कि क्या वे इस विषय पर विशेषज्ञ हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि वे आईआईटी से पढ़े हुए इंजीनियर हैं। इसके बाद जैन ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एम.सी. मेहता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे देश-विरोधी संस्थाओं से फंड लेते हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जैन को यह तक नहीं पता कि एम.सी. मेहता कौन हैं और उन्होंने पर्यावरण के लिए कितना कार्य किया है। अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनके बयान पर जुर्माना लगाया जा सकता था, लेकिन इस बार केवल चेतावनी देकर छोड़ रहे हैं।
राज्यों को सख्ती से पालन कराने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध पहले की तरह लागू रहेगा और राज्यों को इसे सख्ती से लागू करना होगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में पटाखों की बिक्री और जलाने पर पूरी तरह रोक बनी रहेगी।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
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