सरकार ने किया संसद में चर्चा का आह्वान, विपक्ष के आरोपों पर किरेन रिजिजू का जवाब
नई दिल्ली।
वक्फ संपत्तियों को लेकर वक्फ संशोधन विधेयक को 2 अप्रैल को संसद में पेश किया जा सकता है। सरकार पहले इसे लोकसभा में रखेगी। बजट सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा, ऐसे में इस बिल को लेकर संसद में गरमागरम बहस होने की संभावना है।
रिजिजू बोले – सदन में चर्चा जरूर होनी चाहिए
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। उन्होंने कहा, “बिल पर संसद के बाहर काफी विचार-विमर्श हुआ है। हमें सदन में भी इस पर बहस और चर्चा में भाग लेना चाहिए।”
जेपीसी ने रिकॉर्ड परामर्श प्रक्रिया अपनाई
रिजिजू ने आगे कहा कि इस विधेयक पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में सबसे अधिक परामर्श प्रक्रिया का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे जनता को गुमराह न करें।
‘मुसलमानों को भ्रमित किया जा रहा है’
रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के कुछ नेता भोले-भाले मुसलमानों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि यह विधेयक मुसलमानों की संपत्तियां और अधिकार छीनने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ भी नहीं है और बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों से जुड़े नियमों में पारदर्शिता लाना है।
अमित शाह पहले ही दे चुके हैं आश्वासन
गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मार्च को एक निजी चैनल से बातचीत में कहा था कि सरकार इसी बजट सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है। शाह ने साफ किया था कि इस बिल से किसी भी समुदाय को डरने की जरूरत नहीं है।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से जुड़े प्रबंधन और नियमों में संशोधन करना है। सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता आएगी और संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित होगा। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है।
बिल को लेकर संसद के भीतर और बाहर बड़ी बहस होने की संभावना है। सरकार इसे जल्द से जल्द पारित करवाना चाहती है, जबकि विपक्ष इसके कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जता रहा है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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