- लोकसभा में दूसरी बार वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक दूसरी बार पेश किया। विधेयक पर करीब आठ घंटे की चर्चा प्रस्तावित है। चर्चा की शुरुआत रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एनके रामचंद्रन के सवाल से हुई, जिन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जेपीसी को केवल विधेयक की समीक्षा करनी थी, लेकिन सरकार ने उसमें 14 बदलाव किए, जिन्हें फरवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।
गृह मंत्री ने दिया जवाब
गृह मंत्री अमित शाह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि जेपीसी ने केवल सुझाव दिए थे, लेकिन अंतिम बदलाव सरकार ने किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में इस तरह की समितियां महज “रबर स्टैंप” हुआ करती थीं, लेकिन मौजूदा सरकार की समितियां परामर्शदात्री भूमिका निभाती हैं।

वक्फ संपत्ति का गरीब मुसलमानों के लिए होगा उपयोग
किरें रिजिजू ने चर्चा के दौरान कहा कि भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं और उनका सही उपयोग गरीब मुसलमानों के कल्याण में किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि संशोधित वक्फ बोर्ड में 10 मुस्लिम सदस्य होंगे, जिनमें दो महिलाएं अनिवार्य रूप से शामिल की जाएंगी। इसके अलावा, दो सेवानिवृत्त जज, दो प्रोफेशनल्स और चार गैर-मुस्लिम सदस्य भी बोर्ड का हिस्सा होंगे।
कांग्रेस पर निशाना
रिजिजू ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि यदि कांग्रेस को मौका मिलता तो वह पुराना संसद भवन भी वक्फ बोर्ड को सौंप देती। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 123 महत्वपूर्ण इमारतों को गैर-अधिसूचित कर वक्फ बोर्ड को सौंपा गया था। बता दें कि इससे पहले अगस्त 2024 में भी रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था, जिसे बाद में जेपीसी के पास भेज दिया गया था।