नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ते रेल नेटवर्क और यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेनों के विकास में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी कि वर्तमान में लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण कार्य चल रहा है।
पहला प्रोटोटाइप तैयार, जल्द होगा फील्ड ट्रायल
रेल मंत्री ने बताया कि इन स्लीपर ट्रेनों का पहला प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है और जल्द ही इसका फील्ड ट्रायल किया जाएगा। इसके अलावा, 200 वंदे भारत स्लीपर रेक के निर्माण का कार्य भी प्रौद्योगिकी भागीदारों को सौंप दिया गया है। इन ट्रेनों का रोलआउट परीक्षणों के सफल समापन पर निर्भर करेगा।
136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू
मंत्री ने जानकारी दी कि देश भर में छोटी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर वर्तमान में 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं संचालन में हैं। ये ट्रेनें यात्री सुविधा, गति और यात्रा अनुभव के नए मानक स्थापित कर रही हैं।
एलएचबी कोच का उत्पादन बढ़ा
रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयां अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच का उत्पादन कर रही हैं। एलएचबी कोच तकनीकी रूप से उन्नत हैं और इनमें एंटी क्लाइम्बिंग व्यवस्था, विफलता संकेत प्रणाली, एयर सस्पेंशन और कम संक्षारक शेल जैसी विशेषताएं होती हैं।
2014-2024 के दौरान एलएचबी कोच का रिकॉर्ड उत्पादन
- 2004-2014 के बीच: 2,337 एलएचबी कोच निर्मित।
- 2014-2024 के बीच: 36,933 एलएचबी कोच निर्मित।
पिछले दशक की तुलना में एलएचबी कोच उत्पादन में 16 गुना वृद्धि हुई है, जो रेलवे के तकनीकी विकास का संकेत है।
सुगम्य भारत मिशन के तहत प्रगति
रेलवे ने दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए सुगम्य भारत मिशन (सुलभ भारत अभियान) के तहत महत्वपूर्ण प्रगति की है।
सुगमता के लिए विशेष सुविधाएं
- रैंप और सुलभ पार्किंग: दिव्यांग यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशनों पर रैंप और विशेष पार्किंग की सुविधा।
- ब्रेल साइनेज और स्पर्शनीय संकेत: दृष्टिहीन यात्रियों के लिए ब्रेल और अन्य संकेत।
- कम ऊंचाई वाले काउंटर: कम ऊंचाई वाले काउंटर और लिफ्ट-एस्केलेटर की व्यवस्था।
एस्केलेटर और लिफ्ट में बढ़ोतरी
- नवंबर 2024 तक उपलब्धता:
- 399 स्टेशनों पर 1,512 एस्केलेटर।
- 609 स्टेशनों पर 1,607 लिफ्ट।
- पिछले दशक की तुलना में वृद्धि:
- एस्केलेटर में 9 गुना।
- लिफ्ट में 14 गुना।
दिव्यांगजनों के लिए विशेष कोच और सुविधाएं
रेल मंत्री ने बताया कि अधिकांश मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में चौड़े प्रवेश द्वार, सुलभ शौचालय, और व्हीलचेयर पार्किंग जैसी सुविधाओं वाले समर्पित कोच उपलब्ध हैं।
वंदे भारत ट्रेनों की विशेषताएं:
- स्वचालित दरवाजे।
- दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित स्थान।
- ब्रेल साइनेज।
रेलवे की भविष्य की दिशा
भारतीय रेलवे यात्री सुविधाओं, तकनीकी विकास और समावेशी यात्रा अनुभव के प्रति प्रतिबद्ध है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण और सुविधाओं में बढ़ोतरी इस बात का प्रमाण है कि रेलवे यात्रियों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दे रहा है।
निष्कर्ष: देश की रेल प्रणाली न केवल आधुनिक हो रही है, बल्कि सुगमता और समावेशिता के नए मापदंड भी स्थापित कर रही है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगी।