ट्रंप का बड़ा फैसला: चेयरमैन चार्ल्स सी. क्यू. ब्राउन जूनियर समेत 6 टॉप मिलिट्री अफसर बर्खास्त
न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार रात एक बड़ा फैसला लेते हुए देश के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को पद से हटा दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन चार्ल्स सी. क्यू. ब्राउन जूनियर समेत रक्षा विभाग के 6 शीर्ष अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया।
कौन हैं चार्ल्स सी. क्यू. ब्राउन जूनियर?
चार्ल्स सी. क्यू. ब्राउन जूनियर अमेरिका के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी थे। वे जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ चेयरमैन के रूप में राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री के मुख्य सैन्य सलाहकार के तौर पर कार्यरत थे। आमतौर पर अमेरिका में सरकार बदलने के बावजूद यह पद चार साल का कार्यकाल पूरा करता है, लेकिन सी. क्यू. ब्राउन जूनियर सिर्फ 16 महीने ही अपने पद पर रह सके।
ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन से जुड़े थे सी. क्यू. ब्राउन
2020 में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर (BLM) आंदोलन तेज हुआ था। इस आंदोलन का सी. क्यू. ब्राउन ने सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था, जबकि उस समय डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे। माना जाता है कि इस आंदोलन ने 2020 में ट्रंप की चुनावी हार में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में ट्रंप द्वारा सी. क्यू. ब्राउन को हटाए जाने को राजनीतिक बदले की कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
किन अन्य सैन्य अधिकारियों को हटाया गया?
सी. क्यू. ब्राउन के अलावा, ट्रंप ने रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के 5 अन्य अधिकारियों को भी बर्खास्त किया। इनमें शामिल हैं:
- एडमिरल लिसा फ्रैंचेटी – नौसेना की पहली महिला प्रमुख
- जेम्स स्लाइफ – एयरफोर्स के डिप्टी चीफ
- आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के तीन शीर्ष वकील (फिलहाल नाम उजागर नहीं)
राजनीतिक विवाद बढ़ा, ट्रंप की मंशा पर सवाल
ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका में नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। आमतौर पर जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन का कार्यकाल सरकारों के बीच स्थिरता बनाए रखने के लिए चार साल का होता है, लेकिन ट्रंप ने इसे अपनी सत्ता वापसी के महज कुछ हफ्तों बाद ही तोड़ दिया।
क्या ट्रंप सैन्य नीति में बड़ा बदलाव करने वाले हैं?
ट्रंप द्वारा इतने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को हटाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे अमेरिकी रक्षा नीति में बड़े बदलाव की योजना बना रहे हैं? इससे पहले भी ट्रंप ने नाटो और पेंटागन के अधिकारियों के प्रति असंतोष व्यक्त किया था।
अब देखने वाली बात होगी कि ट्रंप प्रशासन इन पदों पर किन नए अधिकारियों को नियुक्त करता है और क्या यह फैसला आने वाले चुनावों को प्रभावित करेगा?