जॉर्डन पहुंचे पीएम मोदी, बिजनेस फोरम में लेंगे हिस्सा: किंग अब्दुल्ला ने गले लगाकर किया स्वागत, भारत-जॉर्डन के बीच 5 अहम समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे। यह उनकी चार दिवसीय विदेश यात्रा का पहला पड़ाव है। जॉर्डन पहुंचते ही पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने हुसैनिया पैलेस में पीएम मोदी को गले लगाकर स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी देखने को मिली।
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पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के मौके पर हो रही है। इस यात्रा को दोनों देशों के रिश्तों के लिए काफी अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी आज भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम की बैठक को भी संबोधित करेंगे।
द्विपक्षीय बैठक में आतंकवाद पर एक जैसी सोच
पीएम मोदी और किंग अब्दुल्ला के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई। बैठक में दोनों नेताओं ने आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक हालात पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और जॉर्डन की सोच पूरी तरह एक जैसी है। दोनों देश शांति, स्थिरता और सुरक्षा के पक्षधर हैं।
पीएम मोदी ने जॉर्डन के किंग को गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत और जॉर्डन की दोस्ती पुरानी है और समय के साथ यह और मजबूत हुई है।
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भारत-जॉर्डन के बीच 5 बड़े समझौते
इस अहम बैठक के दौरान भारत और जॉर्डन के बीच कुल 5 महत्वपूर्ण समझौते किए गए। ये समझौते दोनों देशों के सहयोग को नई दिशा देंगे।
समझौतों में शामिल हैं
- संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग
- रिन्युएबल और क्लीन एनर्जी
- जल संसाधन प्रबंधन
- डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर
- ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण
इन समझौतों से आने वाले समय में भारत और जॉर्डन के रिश्ते और मजबूत होंगे।
डिजिटल गवर्नेंस में साझेदारी
भारत और जॉर्डन ने डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर खास समझौता किया है। इसके तहत डिजिटल गवर्नेंस, टेक्नोलॉजी आधारित सरकारी सेवाओं और ई-गवर्नेंस में सहयोग बढ़ाया जाएगा।
भारत का डिजिटल इंडिया मॉडल दुनिया भर में सराहा जाता है। जॉर्डन अब भारत के अनुभव से सीखकर अपनी डिजिटल सेवाओं को मजबूत करना चाहता है।
पेट्रा और एलोरा गुफाओं के बीच ट्विनिंग समझौता
दोनों देशों के बीच एक खास समझौता ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर भी हुआ। जॉर्डन की प्रसिद्ध धरोहर पेट्रा और भारत की एलोरा गुफाओं के बीच ट्विनिंग समझौता किया गया है।
इस समझौते से पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विरासत संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देश एक-दूसरे के ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण से जुड़े अनुभव साझा करेंगे।
भारत-जॉर्डन रिश्तों के 75 साल पूरे
भारत और जॉर्डन ने साल 1950 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। साल 2025 में इन रिश्तों को 75 साल पूरे हो गए हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा इसी ऐतिहासिक मौके पर हो रही है।
किंग अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी की यह यात्रा दशकों पुरानी दोस्ती, आपसी सम्मान और सहयोग को दर्शाती है। उन्होंने भारत को जॉर्डन का भरोसेमंद दोस्त बताया।
व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत
भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। साल 2023-24 में दोनों देशों के बीच करीब 26,033 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ।
भारत का निर्यात लगभग 13,266 करोड़ रुपये रहा। दोनों देशों ने आने वाले समय में व्यापार को बढ़ाकर 5 अरब डॉलर (करीब 45,275 करोड़ रुपये) तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
फॉस्फेट और उर्वरक में जॉर्डन अहम
भारत बड़ी मात्रा में जॉर्डन से रॉक फॉस्फेट और उर्वरक का कच्चा माल आयात करता है। भारत के कुल रॉक फॉस्फेट आयात में जॉर्डन की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत है।
वहीं जॉर्डन भारत से मशीनरी, पेट्रोलियम उत्पाद, अनाज, रसायन, ऑटो पार्ट्स और औद्योगिक सामान मंगाता है।
भारतीय कंपनियों ने जॉर्डन के फॉस्फेट और टेक्सटाइल सेक्टर में 1.5 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है।
जॉर्डन: मिडिल ईस्ट का ‘नो ऑयल’ देश
जॉर्डन मिडिल ईस्ट का इकलौता ऐसा देश है, जहां तेल के भंडार नहीं हैं। जहां आसपास के देशों में तेल से भारी कमाई होती है, वहीं जॉर्डन को तेल से कोई फायदा नहीं मिला।
इसका कारण यह है कि जॉर्डन का ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तान और पहाड़ी चट्टानों से बना है। यहां कभी समुद्र नहीं रहा, इसलिए तेल बनने की प्रक्रिया नहीं हो पाई।
हालांकि तेल न होने के बावजूद जॉर्डन के पास फॉस्फेट और पोटाश जैसे खनिज भरपूर मात्रा में हैं, जो उर्वरक उद्योग के लिए बहुत जरूरी हैं।
किंग अब्दुल्ला का ऐतिहासिक वंश
जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का वंशज माना जाता है। वे हाशिमी राजवंश से आते हैं, जिसे इस्लाम में बहुत प्रतिष्ठित माना जाता है।
हाशिमी राजवंश ने करीब 700 साल तक मक्का पर शासन किया था। जॉर्डन के पहले राजा शरीफ हुसैन बिन अली थे। मौजूदा राजा अब्दुल्ला द्वितीय उन्हीं के पड़पोते हैं।
जॉर्डन एक संवैधानिक राजशाही है, जहां सत्ता पिता से बेटे को मिलती है और राजा का चुनाव संविधान के अनुसार होता है।
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बिजनेस फोरम में पीएम मोदी का संबोधन
पीएम मोदी आज भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम की बैठक को संबोधित करेंगे। इसमें दोनों देशों के उद्योगपति, कारोबारी और निवेशक शामिल होंगे।
पीएम मोदी भारत में निवेश के अवसरों, स्टार्टअप, डिजिटल तकनीक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बात करेंगे। इस बैठक से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
- पीएम मोदी की जॉर्डन यात्रा कई मायनों में खास है।
- यह यात्रा 75 साल की दोस्ती को नई मजबूती देती है
- व्यापार, तकनीक और ऊर्जा में नए रास्ते खोलती है
- मध्य पूर्व में भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करती है
- ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका को आगे बढ़ाती है
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत-जॉर्डन रिश्तों को नई ऊंचाई देने वाली मानी जा रही है।
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