युद्ध खत्म करने की कोशिशों में अमेरिका-यूरोप एकजुट, लेकिन जमीन और शर्तें अब भी सबसे बड़ी चुनौती
वॉशिंगटन। तीन साल से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर शांति की उम्मीदें जगी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि रूस और यूक्रेन अब शांति समझौते के पहले से कहीं ज्यादा करीब पहुंच चुके हैं। यह बयान उन्होंने अमेरिकी समयानुसार सोमवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया। ट्रंप का कहना है कि बर्लिन में यूरोपीय नेताओं, नाटो प्रतिनिधियों और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ हुई लंबी बातचीत के बाद हालात में सकारात्मक बदलाव नजर आ रहा है।
बर्लिन बैठक के बाद बढ़ी उम्मीदें
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब जर्मनी की राजधानी बर्लिन में अमेरिका, यूरोपीय देशों और नाटो के शीर्ष नेताओं के साथ यूक्रेन नेतृत्व की कई घंटे तक गहन बातचीत हुई। इन बैठकों में युद्ध को समाप्त करने के संभावित रास्तों, युद्धविराम की शर्तों और भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोपीय देश यूक्रेन को पश्चिमी सुरक्षा गारंटी देने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं, ताकि युद्ध के बाद भी रूस की ओर से किसी नए खतरे को रोका जा सके। हालांकि, किन इलाकों पर किसका नियंत्रण रहेगा, यह मुद्दा अब भी सबसे बड़ी अड़चन बना हुआ है।
यूरोप का समर्थन मिलने का दावा
ट्रंप ने कहा कि इस शांति प्रयास में अमेरिका को यूरोप के कई प्रमुख देशों का पूरा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने जर्मनी, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, पोलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, फिनलैंड और नीदरलैंड जैसे देशों का नाम लेते हुए कहा कि ये सभी देश युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा, “हम इसे जरूर पूरा करेंगे। मुझे लगता है कि यह संघर्ष अब पहले से कहीं ज्यादा खत्म होने के करीब है।”
पुतिन से बातचीत का भी दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कई बार बातचीत हो चुकी है। ट्रंप के मुताबिक, इन वार्ताओं में भी इस बात पर सहमति दिखी है कि समाधान अब ज्यादा दूर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में हजारों निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है और अमेरिका की कोशिश ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने की है।
शांति की राह में अब भी बड़ी चुनौतियां
हालांकि अपने आशावादी बयान के साथ ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि रूस और यूक्रेन को एक साथ और एक ही शर्तों पर सहमत कराना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि रूस शांति के लिए तैयार होता है, लेकिन यूक्रेन पीछे हट जाता है, और कभी यूक्रेन सहमत होता है तो रूस तैयार नहीं होता। दोनों पक्षों को एक ही पन्ने पर लाना ही सबसे कठिन काम है।
मैदान में अब भी जारी है टकराव
शांति वार्ताओं के बावजूद जमीनी हालात अब भी असामान्य बने हुए हैं। बातचीत से पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की संकेत दे चुके हैं कि अगर पश्चिमी देश ठोस सुरक्षा गारंटी दें, तो यूक्रेन नाटो की सदस्यता की मांग छोड़ने पर विचार कर सकता है। दूसरी ओर, संघर्ष की तीव्रता कम होने के बजाय कई जगहों पर जारी है। हालिया घटनाक्रम में रूस ने रात के समय यूक्रेन पर 153 ड्रोन हमले किए। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि इनमें से 17 ड्रोन अपने लक्ष्य तक पहुंचे, जबकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसकी सेना ने 130 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए।
दुनिया की नजरें शांति समझौते पर
रूस-यूक्रेन युद्ध ने न केवल यूरोप, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा कि दोनों देश शांति समझौते के बेहद करीब हैं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी अहम माना जा रहा है। अब यह देखना होगा कि कूटनीतिक प्रयास जमीन पर कितना असर दिखा पाते हैं और क्या यह लंबा युद्ध वास्तव में अपने अंत की ओर बढ़ पाएगा।
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