नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में तीसरे लॉन्च पैड (टीएलपी) की स्थापना को मंजूरी दे दी। यह महत्वपूर्ण निर्णय भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि इससे भविष्य में उच्च प्रक्षेपण आवृत्तियों और मानव अंतरिक्ष यान मिशनों को प्रारंभ करने की राष्ट्रीय क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इस परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए कुल ₹3984.86 करोड़ की निधि की आवश्यकता होगी, जिसमें लॉन्च पैड और संबंधित सुविधाओं की स्थापना शामिल है।
प्रक्षेपण के नए अवसर
यह परियोजना भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक नया अध्याय खोलने वाली है, क्योंकि यह लॉन्च पैड के साथ-साथ पूरी अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमता को सक्षम बनाएगी। टीएलपी की स्थापना के बाद, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को उच्च प्रक्षेपण आवृत्तियों, मानव अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों की शुरूआत के लिए अधिक क्षमता मिलेगी। इससे भारतीय अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को एक नई दिशा मिलेगी और देश की अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर बढ़ते कदम मजबूती से उठेंगे।
उद्योग भागीदारी और त्वरित कार्यान्वयन
इस परियोजना का क्रियान्वयन अधिकतम उद्योग भागीदारी के साथ किया जाएगा। इसके साथ ही इसरो के अनुभव का पूरी तरह से उपयोग किया जाएगा, जो पहले के लॉन्च पैड स्थापित करने में हासिल हुआ था। मौजूदा लॉन्च कॉम्प्लेक्स सुविधाओं को अधिकतम साझा करने का भी प्रयास किया जाएगा, ताकि लागत और समय दोनों को कम किया जा सके। इस परियोजना को चार साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो सके।
नई तकनीकी क्षमता और डिज़ाइन
टीएलपी को इस तरह से डिज़ाइन किया जाएगा कि यह विभिन्न प्रकार के रॉकेटों के लिए उपयुक्त हो। यह न केवल एनजीएलवी (न्यू जनरेशन लांच व्हीकल) को सपोर्ट करेगा, बल्कि सेमीक्रायोजेनिक चरण वाले एलवीएम3 वाहनों और उनके बढ़े हुए विन्यास को भी आसानी से सपोर्ट कर सकेगा। इसका मतलब है कि इस लॉन्च पैड से भारत और भी जटिल और बड़े अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम दे सकेगा।
राष्ट्रीय महत्व की परियोजना
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के रूप में स्वीकार किया है। यह निर्णय इस बात को स्पष्ट करता है कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती जरूरतों और अवसरों को देखते हुए, सरकार द्वारा आवश्यक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
अंतरिक्ष में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में
तीसरे लॉन्च पैड की स्थापना के बाद, भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो दुनिया के अन्य प्रमुख अंतरिक्ष देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में और अधिक सक्षम होगी। इससे न केवल भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, बल्कि अंतरिक्ष पर्यटन, उपग्रह प्रक्षेपण और मानव अंतरिक्ष मिशनों में भी भारत की स्थिति मजबूत होगी।
तीसरे लॉन्च पैड की स्थापना भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह परियोजना न केवल भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की गति को तेज करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में एक नई पहचान दिलाने में मदद करेगी। सरकार का यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर सरकार की प्राथमिकता और प्रतिबद्धता कितनी मजबूत है।