एक आतंकी दिमाग का सरल चेहरा — जांच में उभर रही विरोधाभासी छवि।
2008 मुंबई हमले की जांच में बड़ा मोड़: तहव्वुर राणा से NIA की रोज़ाना गहन पूछताछ, ‘दुबई ‘ और ISI कनेक्शन पर खुलासे
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इन दिनों 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की साजिश की गहराई तक जाने में जुटी है। इसी कड़ी में अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा से रोज़ाना 8 से 10 घंटे तक पूछताछ की जा रही है। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर मुंबई हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है।
जांच की अगुवाई कर रहीं जया रॉय
सूत्रों के अनुसार, राणा फिलहाल दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय की हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है, जहां उसकी सुरक्षा के लिए 24 घंटे गार्ड तैनात हैं। जांच अधिकारी जया रॉय की अगुवाई में एनआईए की एक विशेष टीम उससे रोज़ लगातार घंटों तक पूछताछ कर रही है।
पूछताछ में सहयोग कर रहा है राणा
जांच अधिकारियों का कहना है कि राणा फिलहाल पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। उसने अब तक केवल तीन चीज़ों की मांग की है – एक कलम, नोटपैड या कागज, और एक कुरान। ये तीनों चीज़ें एनआईए की ओर से उसे दे दी गई हैं। इसके अलावा राणा ने खाने-पीने को लेकर कोई खास मांग नहीं रखी है और उसे वही खाना दिया जा रहा है जो किसी भी आरोपी को नियमों के तहत मिलता है।
‘दुबई मैन’ और ISI कनेक्शन पर खुलासे
सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि राणा ने पूछताछ के दौरान एक ‘दुबई मैन’ का नाम लिया है, जिसे आतंकी साजिश के पीछे एक अहम कड़ी माना जा रहा है। इसके साथ ही राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी गहरा संबंध रहा है। एनआईए सूत्रों के अनुसार, यह दुबई लिंक और ISI कनेक्शन अब जांच को एक नई दिशा में ले जा सकते हैं, जिससे 26/11 के पीछे की वैश्विक साजिश का नक्शा और साफ हो सकेगा।
राणा के बयान से जांच को मिल सकते हैं बड़े सुराग
एनआईए अब राणा के बयान और उसके ISI व लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क से जुड़े संपर्कों की पड़ताल कर रही है। इस पूछताछ से उम्मीद की जा रही है कि 2008 के मुंबई हमले से जुड़े अब तक अनसुलझे कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
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