भोपाल, 30 मार्च 2025 – हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2082 और चैत्र नवरात्रि का आज प्रदेशभर में भव्य स्वागत किया गया। नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के माता शैलपुत्री स्वरूप की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों और देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। उज्जैन, मैहर, दतिया, देवास, नलखेड़ा और सलकनपुर के मंदिरों में भक्तों ने माता के दर्शन किए और विधिपूर्वक उपवास व आराधना की।
मुख्यमंत्री ने शिप्रा किनारे दिया उगते सूर्य को अर्घ्य
उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित दत्त अखाड़ा घाट पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने विक्रमादित्य ध्वज का लोकार्पण भी किया और प्रदेशवासियों को विक्रम संवत 2082 की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा,
“विक्रम संवत की परंपरा हमें अपनी गौरवशाली संस्कृति से जोड़ती है। शिप्रा तट पर नव वर्ष मनाने का यह पावन अवसर हम सभी के लिए विशेष महत्व रखता है।”

उज्जैन में राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति
इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर महाकाल नगरी में हिंदू नव वर्ष और चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ किया। इस अवसर पर शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें धार्मिक अनुष्ठान, भजन संध्या और शोभायात्राएं शामिल रहीं।
सलकनपुर देवी धाम में 108 ज्योतियों का प्रज्वलन
सलकनपुर स्थित मां विजयासन देवी धाम में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत विशेष अनुष्ठान और 108 ज्योतियों के प्रज्वलन से हुई। आचार्य पंडित सोमेश परसाईं ने बताया कि विक्रम संवत 2082 का राजा और मंत्री दोनों सूर्य हैं, जिससे यह वर्ष धर्म-कर्म करने वालों के लिए विशेष फलदायी रहेगा।

मैहर में मां शारदा की महाआरती
मैहर स्थित प्रसिद्ध मां शारदा शक्तिपीठ में रविवार तड़के सुबह 4 बजे प्रधान पुजारी पवन महाराज ने महाआरती की। मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचे।

देवास माता टेकरी पर श्रद्धालुओं का तांता
देवास में माता चामुंडा और माता तुलजा भवानी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग पर पानी, टेंट और कार्पेट की विशेष व्यवस्था की, जिससे भक्तों को गर्मी से राहत मिल सके।

नलखेड़ा सिद्धपीठ में दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध
आगर मालवा जिले के नलखेड़ा स्थित सिद्धपीठ बगलामुखी माता मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचे। यहां दर्शनार्थियों को बाहर से ही माता के दर्शन कराए जा रहे हैं, साथ ही पानी और पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने बोट से ली व्यवस्थाओं की समीक्षा
उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिप्रा नदी में बोट के जरिए मंदिरों और घाटों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनके साथ पूजन-अर्चन भी किया।

चैत्र नवरात्रि में देवी पूजा का महत्व
नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। यह दिन सकारात्मक ऊर्जा, शक्ति और नए संकल्पों का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि में की गई पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लाती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।