“काजीगुंड, पुलवामा और शोपियां में डॉक्टरों व मौलवियों के घर छापेमारी
दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ा कदम उठाते हुए कश्मीर घाटी के कई इलाकों में एक साथ बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू कर दी है। यह कार्रवाई दिल्ली में 10 नवंबर को हुए धमाके और उससे जुड़े “व्हाइट कॉलर” आतंकी मॉड्यूल की जांच के तहत की जा रही है। NIA की यह रेड उन स्थानों पर भी हो रही है, जहाँ लाल किला धमाका (Red Fort Blast Case) से जुड़े आरोपी रहते हैं।
सबसे ज़्यादा रेड कश्मीर के काजीगुंड इलाके में की गई है। यहीं पर दिल्ली ब्लास्ट के तीन मुख्य आरोपी डॉ. अदील, डॉ. मुजफ्फर, और जासिर बिलाल के घर मौजूद हैं, जहाँ एजेंसी ने कई घंटे तक तलाशी ली। NIA का मानना है कि यह सभी आरोपी एक बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थे, जो दिल्ली ब्लास्ट और अन्य साजिशों में शामिल हो सकते हैं।
काजीगुंड के अलावा,शोपियां में मौलवी इरफान,पुलवामा के कोइल गांव में डॉ. मुझम्मिल,और सांबूरा, पुलवामा में आमिर रशीद के घरों पर भी NIA ने एक साथ छापेमारी की है। इन सभी जगहों की तलाशी पहले भी जम्मू-कश्मीर पुलिस और SIA ने ली थी, क्योंकि ये सभी “जैश-ए-मोहम्मद” के एक अंतरराज्यीय व्हाइट कॉलर मॉड्यूल से जुड़े पाए गए थे।
व्हाइट कॉलर मॉड्यूल का मतलब है ऐसे लोग जो पढ़े-लिखे होते हैं, समाज में सम्मानित पदों पर होते हैं, लेकिन गुप्त रूप से आतंकियों की सहायता करते हैं। हाल ही में इस मॉड्यूल का बड़ा खुलासा तब हुआ था, जब हरियाणा के फरीदाबाद से लगभग 3,000 किलो विस्फोटक मिला था। इसमें अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल था, जो बड़े धमाकों में इस्तेमाल किया जाता है। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं और जांच कई राज्यों में फैला दी गई।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद पुलिस ने पिछले हफ्ते पुलवामा और श्रीनगर के अस्पतालों में भी अचानक जांच की थी। डॉक्टरों के लॉकर तलाशी लिए गए, क्योंकि कई आरोपी मेडिकल फील्ड से जुड़े हैं और उनके अस्पतालों से महत्वपूर्ण सुराग मिले थे। इसी कड़ी में NIA डॉक्टर शाहीन को भी फरीदाबाद ले गई, जहाँ उसके पुराने संपर्क और संभावित सुरक्षित ठिकानों की जांच की गई।
NIA ने अब लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर को “कोर ज़ोन” घोषित किया है। इन इलाकों में लगातार हाई-इंटेंसिटी रेड और इंटेलिजेंस ऑपरेशन जारी हैं। एजेंसी पूरे नेटवर्क को मैप कर रही है ताकि यह पता चल सके कि कौन-कौन लोग इस साजिश में शामिल थे और किस स्तर पर उन्हें मदद मिल रही थी।
आपको बता दें, 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। कार में बैठे आतंकी उमर ने ट्रैफिक सिग्नल के पास खुद को उड़ा लिया था। इस घटना ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया और तभी से जांच युद्ध-स्तर पर चल रही है।
NIA की यह ताज़ा कार्रवाई घाटी में मौजूद आतंकी नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियाँ होंगी और इस पूरे मॉड्यूल की पूरी जानकारी सामने आएगी।
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