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April 25, 2025 8:54 AM

भारत में स्टारलिंक की एंट्री पर शर्तें, सरकार ने कहा- सभी नियम मानने के बाद ही मिलेगा लाइसेंस

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नई दिल्ली। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए तभी लाइसेंस मिलेगा जब वह सरकार की सभी आवश्यक गाइडलाइंस का पालन करेगी। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि देश में किसी भी कंपनी को टेलीकॉम ऑपरेशन शुरू करने के लिए लाइसेंस लेने, स्पेक्ट्रम प्राप्त करने और नियमों का पालन करने की जरूरत होगी।

लाइसेंस के लिए जरूरी शर्तें

सिंधिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में पहले ही जियो SES और वन वेब को लाइसेंस जारी किया जा चुका है, जिससे यह साफ है कि बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए दरवाजे खुले हैं। हालांकि, स्टारलिंक को भी उन्हीं नियमों और प्रक्रियाओं से गुजरना होगा जिनका पालन बाकी कंपनियों ने किया है।

जब उनसे स्टारलिंक की चार साल से लंबित लाइसेंस प्रक्रिया पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से कंपनी और आवेदन प्रक्रिया के बीच का मामला है। सरकार इस पर किसी तरह का पक्षपात नहीं करेगी, लेकिन जब तक सभी शर्तें पूरी नहीं होंगी, तब तक लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।

सरकार की अहम मांगें

स्टारलिंक को भारत में परिचालन शुरू करने से पहले कुछ खास शर्तों को पूरा करना होगा। इनमें शामिल हैं:

  1. कंट्रोल सेंटर भारत में बनाना होगा – यदि सरकार को किसी कारणवश सर्विस को बंद करना हो, तो यह निर्णय भारत से ही लागू किया जा सके।
  2. डेटा सिक्योरिटी और कॉल इंटरसेप्शन – सुरक्षा एजेंसियों को यह अधिकार दिया जाए कि वे कॉल्स और डेटा ट्रैफिक को ट्रैक कर सकें।
  3. अंतरराष्ट्रीय कॉल्स का रूटिंग सिस्टम – विदेशी कॉल्स को सीधे फॉरवर्ड करने के बजाय पहले भारत में बने स्टारलिंक गेटवे से गुजरना होगा।

देश की टेलीकॉम कंपनियों पर भी लागू हैं ये नियम

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार की ये शर्तें पहले से ही जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (VI) जैसी कंपनियों पर लागू हैं। इसलिए, स्टारलिंक को भी इन्हीं नियमों के तहत काम करना होगा।

सैटेलाइट इंटरनेट से क्या होगा फायदा?

सिंधिया ने बताया कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन तकनीक आपदा प्रबंधन, दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने में बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। भारत सरकार इसी को ध्यान में रखते हुए नीतियां तैयार कर रही है, ताकि देश में सभी टेलीकॉम कंपनियों को समान अवसर मिलें।

स्टारलिंक की भारत में एंट्री कब होगी?

फिलहाल, स्टारलिंक की एंट्री सभी गाइडलाइंस पूरी करने पर निर्भर करेगी। यदि कंपनी सरकार की सभी शर्तों को स्वीकार कर लेती है और स्पेक्ट्रम व अन्य आवश्यक परमिशन हासिल कर लेती है, तो उसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की मंजूरी मिल सकती है

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