तीसरी बार वृंदावन पहुंचे विराट-अनुष्का, केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद के दर्शन
मथुरा जिले के वृंदावन में मंगलवार को एक बार फिर आध्यात्मिक माहौल देखने को मिला, जब भारतीय क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली अपनी पत्नी और फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए पहुंचे। दोनों ने वृंदावन स्थित केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद से मुलाकात कर श्रद्धापूर्वक आशीर्वाद लिया। यह इस वर्ष विराट और अनुष्का का तीसरा वृंदावन दौरा है, जिसने एक बार फिर उनके आध्यात्मिक झुकाव और संत प्रेमानंद के प्रति गहरी आस्था को उजागर किया है।
संत के सान्निध्य में भावुक दिखे विराट-अनुष्का
संत प्रेमानंद महाराज के समक्ष विराट कोहली और अनुष्का शर्मा पूरी श्रद्धा के साथ घुटनों के बल बैठकर सिर झुकाए नजर आए। दोनों हाथ जोड़कर संत की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते रहे। इस दौरान विराट कोहली के चेहरे पर संतोष और आंतरिक शांति की झलक साफ दिखाई दी, वहीं अनुष्का शर्मा भावुक होती नजर आईं। संत की शिक्षाओं को सुनते हुए विराट कई बार सहमति में सिर हिलाते और मुस्कुराते दिखे, जो इस बात का संकेत था कि वे कही जा रही बातों से गहराई से जुड़ाव महसूस कर रहे थे।
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संत प्रेमानंद का संदेश: ईमानदारी, विनम्रता और भक्ति का मार्ग
संत प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का को आशीर्वाद देते हुए जीवन के मूल मंत्र बताए। उन्होंने कहा कि अपने कार्य को ईमानदारी और समर्पण के साथ करते रहना चाहिए, विनम्र बने रहना चाहिए और जीवन को आनंदपूर्वक जीना चाहिए। उन्होंने नाम जप और गुरु के मार्गदर्शन को जीवन का आधार बनाने की बात कही। संत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक ईश्वर की अनुभूति न हो जाए, तब तक आत्मिक यात्रा रुकनी नहीं चाहिए।
संत प्रेमानंद ने यह भी कहा कि मनुष्य को अपने हर कार्य को भगवान की सेवा समझकर करना चाहिए। उन्होंने जीवन को उन्नत और सार्थक बनाने की बात करते हुए कहा कि लौकिक और पारलौकिक, दोनों स्तरों पर आगे बढ़ते हुए अंततः ईश्वर से साक्षात्कार ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।
अनुष्का का भावनात्मक संवाद, संत का उत्तर
मुलाकात के दौरान अनुष्का शर्मा ने संत प्रेमानंद से भावुक होकर कहा कि “महाराज जी, हम आपके हैं और आप हमारे।” इस पर संत प्रेमानंद ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया कि “हम सब श्रीजी के हैं।” उन्होंने दोनों को आनंदपूर्वक और मस्त रहने का आशीर्वाद दिया तथा भगवान के आश्रित रहकर जीवन जीने की प्रेरणा दी। यह संवाद न केवल भावनात्मक था, बल्कि उसमें वैष्णव परंपरा की गहराई और समर्पण भाव भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
वैष्णव परंपरा में दीक्षा की चर्चा, कंठी माला ने खींचा ध्यान
इस मुलाकात के दौरान एक अहम बात यह भी सामने आई कि विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के गले में पहली बार तुलसी की कंठी माला दिखाई दी। वैष्णव परंपरा में कंठी माला गुरु से दीक्षा प्राप्त करने के बाद ही धारण कराई जाती है। ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि दोनों ने संत प्रेमानंद से वैष्णव दीक्षा ली है। हालांकि, केली कुंज आश्रम की ओर से इस विषय में आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है, लेकिन धार्मिक जानकारों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक कदम हो सकता है।
बार-बार वृंदावन आने के पीछे गहरी आस्था
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा का वृंदावन से विशेष लगाव रहा है। इसी वर्ष जनवरी में दोनों अपने बच्चों के साथ संत प्रेमानंद का आशीर्वाद लेने वृंदावन पहुंचे थे। इसके बाद मई महीने में, विराट कोहली द्वारा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के अगले ही दिन, यह दंपत्ति फिर संत के दर्शन के लिए वृंदावन आया था। अब एक बार फिर उनकी उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ों पर वे आध्यात्मिक मार्गदर्शन को प्राथमिकता देते हैं।
संत का गूढ़ उपदेश: माया से परे सत्य की तलाश
संत प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का को संबोधित करते हुए गहरे आध्यात्मिक विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अनंत जन्म माया के भ्रम में बीत जाते हैं, जहां मनुष्य अनेक रिश्तों और पहचानों को अपना समझ बैठता है, लेकिन अंततः सब छूट जाता है। उन्होंने कहा कि एक बार अपने वास्तविक स्वामी, अपने वास्तविक पिता, उस ईश्वर को देखने की लालसा मन में होनी चाहिए जिसने हमें रचा है। संत ने जोर देकर कहा कि जीवन का उद्देश्य केवल सांसारिक उपलब्धियां नहीं, बल्कि आत्मिक साक्षात्कार होना चाहिए।
आध्यात्मिक शांति की तलाश में विराट-अनुष्का
क्रिकेट और फिल्मी दुनिया की चकाचौंध के बीच विराट कोहली और अनुष्का शर्मा का बार-बार संत प्रेमानंद के पास जाना यह दर्शाता है कि वे जीवन में संतुलन, शांति और आध्यात्मिक स्थिरता को कितना महत्व देते हैं। यह दौरा न केवल एक व्यक्तिगत आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी आध्यात्मिक मूल्यों और विनम्रता को अपनाए रखना कितना जरूरी है।
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