सर्दियों का राजा आमतौर पर “मक्की की रोटी” और “सरसों का साग” को कहा जाता है, क्योंकि ये सर्दी के मौसम में खासतौर पर पंजाबी संस्कृति में बहुत लोकप्रिय होते हैं। यह संयोजन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि शरीर को ठंड से बचाने, ऊर्जा देने और पाचन को सुधारने में मदद करता है। सर्दी में इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि ये शरीर को गर्म रखते हैं और इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं।पंजाब की पारंपरिक खाने की थाली में सरसों का साग और मक्की की रोटी एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, खासकर सर्दियों में। यह व्यंजन न केवल स्वाद में अद्भुत होते हैं, बल्कि इन्हें मौसम के हिसाब से खास तौर पर पौष्टिक माना जाता है। सरसों का साग विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है, जो शरीर को ठंडे मौसम में आवश्यक पोषण प्रदान करता है। मक्की की रोटी, जो ग्लूटेन-मुक्त होती है, पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होती है।
सर्दियों में इसे गुड़ और मूली के सलाद के साथ खाना और भी फायदेमंद होता है। गुड़ शरीर को गर्म रखता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है, वहीं मूली का सलाद पाचन में मदद करता है और शरीर में ताजगी बनाए रखता है। यह संयोजन न केवल सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखता है, बल्कि इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है, जिससे सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
मक्की की रोटी और सरसों का साग: फायदे, पोषण मूल्य और रेसिपी (पंजाबी स्टाइल)
फायदे और पोषण मूल्य:
- मक्की की रोटी:
- फाइबर: मक्की की रोटी में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज को रोकने में मदद करता है।
- विटामिन B: इसमें विटामिन B के कई प्रकार होते हैं, जो ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
- ग्लूटेन-फ्री: मक्की की रोटी ग्लूटेन-मुक्त होती है, जो ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए उपयुक्त है।
- सरसों का साग:
- विटामिन A और C: यह साग विटामिन A और C से भरपूर होता है, जो आंखों की सेहत को बनाए रखने और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- आयरन और कैल्शियम: सरसों का साग आयरन और कैल्शियम से भी समृद्ध है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- एंटीऑक्सिडेंट्स: इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं और बीमारियों से दूर रखते हैं।

पंजाबी स्टाइल सरसों का साग और मक्की की रोटी की रेसिपी
सरसों का साग (पंजाबी स्टाइल)
सामग्री:
- 500 ग्राम सरसों के पत्ते (कटी हुई)
- 100 ग्राम पालक (कटा हुआ)
- 1 प्याज (बारीक कटा हुआ)
- 2 टमाटर (कटा हुआ)
- 2 हरी मिर्च (कटी हुई)
- 1 चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- 1 चम्मच जीरा
- 1/4 चम्मच हींग
- 1 चम्मच मक्खन या घी
- नमक (स्वाद अनुसार)
विधि:
- सबसे पहले सरसों और पालक को अच्छे से धोकर उबाल लें। उबालने के बाद इन्हें मिक्सी में पीस लें।
- एक कढ़ाई में घी या मक्खन गरम करें, फिर उसमें जीरा और हींग डालें।
- प्याज डालकर उसे सुनहरा होने तक भूनें। अब अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर अच्छे से भूनें।
- टमाटर डालें और पकने तक छोड़ दें। फिर हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर डालें।
- अब उबला और पिसा हुआ साग डालें और अच्छे से मिला लें। 10-15 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें।
- अंत में नमक डालकर, मक्खन से सजाकर परोसें।
मक्की की रोटी
सामग्री:
- 2 कप मक्की का आटा
- पानी (आवश्यकता अनुसार)
- नमक (स्वाद अनुसार)
- घी (लगााने के लिए)
विधि:
- मक्की का आटा एक कटोरी में निकाल लें, उसमें नमक डालें।
- धीरे-धीरे पानी डालकर नरम आटा गूंध लें। आटे को 15 मिनट तक ढककर रख दें।
- अब आटे से छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और बेलन से रोटियां बेल लें। ध्यान रखें कि रोटियां ज्यादा पतली ना हों।
- तवा गरम करें और रोटी को तवे पर डालकर दोनों तरफ सुनहरा होने तक सेकें।
- रोटी के ऊपर घी लगाकर गरम-गरम सरसों के साग के साथ परोसें।
सरसों का साग और मक्की की रोटी पंजाबी भोजन का प्रमुख हिस्सा हैं और सर्दियों में इनका सेवन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। यह न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी पौष्टिक हैं।