पान मसाला में केसर होने का दावा कर उपभोक्ताओं को भ्रमित करने का आरोप
जयपुर। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ के साथ-साथ विमल कुमार अग्रवाल (जेबी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन) को जयपुर उपभोक्ता अदालत (कंज्यूमर कोर्ट) ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस जयपुर के वकील योगेंद्र सिंह बडियाल की ओर से दायर की गई शिकायत के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि विमल पान मसाला के विज्ञापनों में “दाने-दाने में केसर का दम” कहकर उपभोक्ताओं को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि वास्तव में इस उत्पाद में केसर मौजूद नहीं है।
5 मार्च को हुई सुनवाई, 19 मार्च को अगली तारीख
इस मामले की सुनवाई 5 मार्च 2025 को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (कंज्यूमर कोर्ट) जयपुर द्वारा की गई। कोर्ट के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने इस पर सुनवाई के बाद अगली तारीख 19 मार्च 2025 को सुबह 10 बजे तय की है।
कोर्ट ने कहा है कि यदि आरोपी पक्ष इस तारीख को व्यक्तिगत रूप से या अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित नहीं होते हैं, तो एकतरफा फैसला सुनाया जाएगा।

क्या है मामला?
शिकायतकर्ता योगेंद्र सिंह बडियाल ने दावा किया है कि विमल पान मसाला के विज्ञापन में केसर होने का दावा किया जा रहा है, जबकि वास्तविकता में इसमें केसर नहीं है। उनके अनुसार, कंपनी इस झूठे प्रचार के जरिये उपभोक्ताओं को गुमराह कर रही है और करोड़ों का मुनाफा कमा रही है।
शिकायत के मुख्य बिंदु:
- केसर की गलत मार्केटिंग: विज्ञापन में कहा जाता है कि “दाने-दाने में केसर का दम”, लेकिन शिकायतकर्ता के अनुसार, इसमें केसर जैसी महंगी सामग्री मौजूद नहीं है।
- उपभोक्ताओं को धोखा: आम जनता को यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि वे केसर युक्त पान मसाला खरीद रहे हैं, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: शिकायतकर्ता ने तर्क दिया कि पान मसाला तंबाकू युक्त उत्पाद है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, और इस भ्रामक विज्ञापन के चलते अधिक लोग इसे खरीद रहे हैं।
- केसर और पान मसाला की कीमत का अंतर: बाजार में केसर की कीमत लगभग ₹4 लाख प्रति किलोग्राम है, जबकि विमल पान मसाला केवल ₹5 में मिलता है। ऐसे में इसमें वास्तविक केसर होने की संभावना बहुत कम है।
बॉलीवुड सितारों पर भी सवाल
शिकायतकर्ता का कहना है कि शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ जैसे बड़े अभिनेता विज्ञापन में शामिल होकर इस झूठे प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
क्या हो सकती है कार्रवाई?
- कोर्ट में पेशी जरूरी: यदि आरोपी पक्ष 19 मार्च को कोर्ट में हाजिर नहीं होता, तो कोर्ट उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर सकता है।
- विज्ञापन पर प्रतिबंध: शिकायतकर्ता ने कोर्ट से मांग की है कि इस भ्रामक विज्ञापन पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।
- भारी जुर्माना लग सकता है: यदि अदालत यह पाती है कि विज्ञापन भ्रामक था, तो कंपनी और प्रमोटर्स पर बड़ा जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्या पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं?
इससे पहले भी कई बार तंबाकू और गुटखा उत्पादों के विज्ञापनों को लेकर विवाद हुए हैं।
- अजय देवगन, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का विज्ञापन विवाद: विमल इलायची का विज्ञापन करने पर अक्षय कुमार को आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने विज्ञापन से खुद को अलग कर लिया था।
- पान मसाला कंपनियों पर प्रतिबंध की मांग: कई राज्यों में गुटखा और पान मसाला उत्पादों पर सख्त प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी कुछ कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।
जनता के स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
शिकायतकर्ता ने अदालत में कहा कि पान मसाला उत्पादों के प्रचार से आम जनता, खासकर युवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। गुटखा और पान मसाला तंबाकू से बने होते हैं, जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
सरकार को लेना चाहिए सख्त एक्शन?
- तंबाकू उत्पादों और गुटखा को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर सख्त रोक लगाई जानी चाहिए।
- बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को भी ऐसे विज्ञापनों का समर्थन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि उनकी लोकप्रियता का सीधा असर जनता पर पड़ता है।
- अगर कोर्ट इस मामले में कड़ी कार्रवाई करती है, तो यह भविष्य में अन्य कंपनियों और प्रमोटर्स के लिए एक मिसाल बन सकता है।
19 मार्च की सुनवाई पर सभी की नजरें
इस हाई-प्रोफाइल मामले में 19 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई अहम होगी। यदि अदालत इसे गंभीरता से लेती है, तो यह भ्रामक विज्ञापनों और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला साबित हो सकता है।
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