मुंबई।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन, 3 फरवरी को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 700 अंकों से अधिक लुढ़ककर 76,790 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी में 250 अंकों की गिरावट रही और यह 23,230 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
बाजार में बिकवाली का दबाव इतना अधिक रहा कि सेंसेक्स के 30 में से 21 शेयरों में गिरावट, जबकि केवल 9 शेयरों में बढ़त देखी गई। निफ्टी के 50 में से 45 शेयरों में गिरावट और सिर्फ 5 शेयरों में तेजी देखने को मिली।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट, मेटल सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
शेयर बाजार में व्यापक गिरावट देखने को मिली, जिसमें सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे। सबसे अधिक दबाव मेटल सेक्टर पर पड़ा, जो 3.19% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
इसके अलावा, ऑटो, बैंकिंग, आईटी और फार्मा सेक्टर में भी गिरावट देखी गई। इस बिकवाली के पीछे प्रमुख वजहें वैश्विक बाजारों में कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और आगामी आरबीआई पॉलिसी मीटिंग को माना जा रहा है।
विदेशी निवेशकों ने 1,327.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
**नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के मुताबिक, 1 फरवरी को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से *1,327.09 करोड़ रुपये* के शेयर निकाले। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 824.38 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बाजार के जानकारों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के चलते बाजार में कमजोरी देखी जा रही है।
आरबीआई की पॉलिसी मीटिंग पर बाजार की नजर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5-7 फरवरी के बीच होने वाली है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई चार साल में पहली बार दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है।
अगर ऐसा होता है, तो यह शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। हालांकि, इस बात को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है कि केंद्रीय बैंक कब और कितनी दरों में कटौती करेगा।
बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण:
✔ वैश्विक बाजारों में कमजोरी: अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।
✔ विदेशी निवेशकों की बिकवाली: लगातार FII की बिकवाली भारतीय बाजार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
✔ मेटल और बैंकिंग सेक्टर पर दबाव: वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते मेटल सेक्टर में गिरावट आई।
✔ आरबीआई की आगामी मीटिंग: निवेशक इस मीटिंग के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
शेयर बाजार में अस्थिरता को देखते हुए निवेशकों को लॉन्ग-टर्म पर्सपेक्टिव से निवेश करने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्लू-चिप और डिफेंसिव स्टॉक्स पर फोकस किया जाए और घबराकर बिकवाली करने से बचें।