ग्वालियर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विभिन्न टीमों ने शुक्रवार को भोपाल और ग्वालियर में सौरभ शर्मा के करीबियों के 8 ठिकानों पर छापेमारी की। सौरभ शर्मा, जो पूर्व में परिवहन विभाग में आरक्षक रहे हैं, के करीबी रिश्तेदारों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर यह छापेमारी की गई।
ईडी की टीम ने भोपाल के इंद्रपुरी स्थित नवोदय हॉस्पिटल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल और ग्वालियर के मुरार स्थित सीपी कॉलोनी में पूर्व सीनियर सब रजिस्ट्रार केके अरोरा के ठिकानों पर छापे मारे। इन ठिकानों पर सर्चिंग जारी है, और टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है।
ईडी ने सुबह 5:00 बजे से ही अपनी कार्रवाई शुरू की। ग्वालियर में सीपी कॉलोनी में पूर्व सीनियर सब रजिस्ट्रार केके अरोरा के घरों और अन्य ठिकानों पर छापा मारा गया। केके अरोरा के साथ-साथ विनय हासवानी भी इस छापे के दायरे में हैं। विनय हासवानी के बारे में जानकारी है कि वह सौरभ शर्मा के करीबी रिश्तेदार हैं और उनके साथ कारोबार करते थे।
क्यों हुई यह छापेमारी?
यह छापेमारी सौरभ शर्मा से जुड़ी कई जांचों के तहत की गई। सौरभ शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और संपत्ति की हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं। पिछली छापेमारी के दौरान ईडी को सौरभ शर्मा के ठिकानों से 93 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का पता चला था। इसके बाद सौरभ के ठिकानों पर और अधिक दस्तावेज़ों और संपत्ति की जांच की गई।
सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने बड़ी मात्रा में धन और संपत्ति हेराफेरी के जरिए जमा की थी। हाल ही में हुई एक छापेमारी में सौरभ शर्मा के फार्म हाउस से 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। यह कार्रवाई इनकम टैक्स विभाग और लोकायुक्त के सहयोग से की गई थी।
किरायेदारों से पूछताछ जारी
ईडी की टीम ने छापे के दौरान केके अरोरा के घर के किरायेदारों से भी पूछताछ की। बताया जा रहा है कि केके अरोरा और उनकी पत्नी पिछले कुछ समय से बेंगलुरू में रह रहे हैं। वहीं, किरायेदारों को घर के अंदर लॉक कर दिया गया था, और उनके बच्चों को स्कूल नहीं जाने दिया गया।
सौरभ शर्मा का बड़ा खुलासा करने का दावा
सौरभ शर्मा ने इस पूरे मामले में अपनी जान को खतरा बताया है। उसने एक पत्र के माध्यम से सरकार से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है। सौरभ ने कहा कि यदि उसे सुरक्षा दी जाती है, तो वह जांच एजेंसियों के सामने आकर बड़े खुलासे करने को तैयार है। उसका कहना है कि जो सोना और नकदी बरामद हुई है, वह उसकी अकेले की संपत्ति नहीं है। यह एक पुराना सिंडीकेट है, और सौरभ सिर्फ इसका एक छोटा सा हिस्सा है। उसने यह भी आरोप लगाया है कि प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं के हाथ इसमें शामिल हैं।
सौरभ शर्मा के वकील सूर्यकांत बुझाड़े ने बताया कि सौरभ सरल निशाना बनाकर जांच एजेंसियों की गिरफ्त में आ गए हैं। सौरभ ने यह भी कहा कि अगर सरकार उसकी सुरक्षा की गारंटी देती है, तो वह सामने आकर इस मामले का खुलासा करेगा।
मामले की आगे की जांच
इस समय ईडी और अन्य जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा के नेटवर्क और उनकी संपत्ति की जांच कर रही हैं। सौरभ शर्मा से जुड़े अन्य व्यक्तियों और उनके ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है, और जांच को गति दी जा रही है।
ईडी द्वारा की जा रही यह कार्रवाई सौरभ शर्मा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है, और इस मामले में जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।