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February 15, 2025 6:21 PM

झूठा शपथ पत्र देने पर सौरभ और उसकी मां के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

"Saurabh Sharma and Mother to Face FIR for False Affidavit in Transport Department Job"

भोपाल।

मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के समय झूठा शपथ पत्र देने के मामले की जांच अंतिम चरण में है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी हो रही है। सौरभ शर्मा, जो कि परिवहन विभाग में पूर्व आरक्षक थे, रिमांड अवधि के दौरान लोकायुक्त पुलिस को संपत्ति से जुड़े सवालों के गोलमोल जवाब दे रहे हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों के नाम पर संपत्ति है, उनसे ही पूछताछ की जाए। इस मामले में जल्द ही कारवाई हो सकती है, और एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

झूठा शपथ पत्र देने का मामला

मिली जानकारी के अनुसार, सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के समय झूठे शपथ पत्र दिए गए थे। इन शपथ पत्रों की जांच लगभग पूरी हो चुकी है, और अब छत्तीसगढ़ सरकार से आधिकारिक जवाब का इंतजार किया जा रहा है। परिवहन विभाग की शिकायत शाखा ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी ली थी। इस जांच में यह पाया गया कि सौरभ और उमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

सौरभ से पूछताछ का विस्तृत विवरण

भोपाल में लोकायुक्त कार्यालय में सौरभ शर्मा से करीब सात घंटे तक पूछताछ की गई। उनसे अविरल इंटरप्राइजेज, अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी, अविरल फिशरीज, और अविरल पेट्रोल पंप जैसी कंपनियों के आय स्रोतों के बारे में जानकारी ली गई। इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों का डेटा भी लोकायुक्त अधिकारियों ने तैयार किया है। हाल ही में तीन दिन पहले सौरभ के घर और ऑफिस से ऑडिट रिपोर्ट जब्त की गई थी, जिनकी जांच की जा रही है।

ऑडिट प्रक्रिया और संपत्तियों का खुलासा

लोकायुक्त अधिकारियों ने सौरभ से ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया और इसे तैयार करने वालों की जानकारी भी ली। सौरभ के घर और ऑफिस से चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए थे, जिन्हें दिखाकर उनसे पूछताछ की गई। सौरभ केवल अपनी खुद की नाम पर दर्ज संपत्तियों के बारे में जानकारी दे रहा है, जबकि रिश्तेदारों और अन्य व्यक्तियों के नाम पर दर्ज संपत्तियों के बारे में वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। सौरभ का कहना है कि इस संबंध में उन व्यक्तियों से पूछताछ की जाए जिनके नाम पर संपत्तियां हैं। लोकायुक्त की जांच में यह भी सामने आया कि सौरभ की सबसे पुरानी कंपनी अविरल इंटरप्राइजेज है, जबकि अन्य तीन कंपनियां 2020 से 2022 के बीच रजिस्टर्ड की गई थीं।

बेनामी संपत्तियों का खुलासा

सौरभ शर्मा और उनके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से पूछताछ में 50 से अधिक बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ है। इन संपत्तियों के नाम पर 30 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनसे जल्द ही पूछताछ की जाएगी। छापेमारी के दौरान सौरभ के घर और ऑफिस से भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में स्थित संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। इन संपत्तियों के अधिकांश दस्तावेज सौरभ के रिश्तेदारों और करीबियों के नाम पर थे, लेकिन रजिस्ट्रियां सौरभ के पास थीं। कई संपत्तियों की पॉवर ऑफ अटॉर्नी भी किसी और के नाम कराई गई थी।

सौरभ की रिमांड अवधि और सुरक्षा के इंतजाम

सौरभ शर्मा की रिमांड 4 फरवरी को खत्म हो रही है, और लोकायुक्त पुलिस रिमांड बढ़ाने की कोशिश कर सकती है क्योंकि सौरभ पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से, लोकायुक्त ने अतिरिक्त जवानों का बल भी मांगा है। सौरभ, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल की कस्टडी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जब तीनों लोकायुक्त कार्यालय में होते हैं, तो बाहरी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती रहती है। थाने में रहते हुए भी सुरक्षा बल तैनात किया जाएगा।


एफआईआर दर्ज करने की संभावना

जांच के बाद सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा के खिलाफ झूठा शपथ पत्र देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा, बेनामी संपत्तियों के मामले में भी सौरभ और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। लोकायुक्त पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई के लिए तैयार है।

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