रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 8 से 10 मई तक यूक्रेन में युद्धविराम की घोषणा की है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति वार्ता को लेकर हलचल तेज हो गई है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह युद्धविराम मुख्य रूप से द्वितीय विश्व युद्ध में विजय दिवस (9 मई) के समारोहों के मद्देनजर लागू किया जा रहा है। लेकिन जानकारों का मानना है कि इस घोषणा के पीछे केवल प्रतीकात्मक कारण नहीं, बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक पहलू भी छिपे हैं।
क्यों चुना 8-10 मई का समय?
रूस हर साल 9 मई को ‘विक्टरी डे’ के रूप में मनाता है, जो नाजी जर्मनी पर सोवियत जीत का प्रतीक है। इस दिन रूस में बड़े पैमाने पर सैन्य परेड और राष्ट्रीय गर्व से जुड़ी गतिविधियाँ होती हैं। पुतिन चाहते हैं कि देश इस समय एकजुटता और विजय की भावना के साथ खड़ा हो। युद्ध की आग में झुलस रहे माहौल को कम करने के लिए युद्धविराम का यह प्रतीकात्मक कदम उठाया गया है।
इसके अलावा, 8 मई यूरोप में ‘वीई डे’ यानी ‘Victory in Europe Day’ के तौर पर मनाया जाता है। इस तरह रूस दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि वह ‘शांति और विजय’ दोनों का सम्मान करता है, भले ही मौजूदा हालात अलग हों।
शांति वार्ता की संभावनाओं से भी जुड़ सकता है फैसला
सूत्रों के मुताबिक, हाल के हफ्तों में बैकचैनल वार्ताओं में कुछ प्रगति हुई है। कुछ यूरोपीय देश — विशेष रूप से स्विट्जरलैंड और तुर्किये — रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता के प्रयासों में सक्रिय हुए हैं।
युद्धविराम की यह घोषणा एक ‘गुडविल जेस्चर’ यानी सद्भावना संकेत के तौर पर भी देखी जा रही है ताकि भविष्य में औपचारिक शांति वार्ता के लिए माहौल तैयार किया जा सके। अमेरिका और यूरोप के कई नेता चाहते हैं कि 2025 में होने वाले बड़े वैश्विक चुनावों से पहले यूक्रेन संकट को किसी तरह नियंत्रित किया जाए।
रणनीतिक फायदे भी साधना चाहते हैं पुतिन
युद्धविराम से रूस को दो बड़े रणनीतिक फायदे मिल सकते हैं:
- सेना को फिर से संगठित करना: युद्धविराम के दौरान रूसी सेना अपने संसाधनों और रणनीति को दोबारा व्यवस्थित कर सकती है।
- वैश्विक छवि सुधारना: लंबे समय से युद्ध में उलझे रहने के कारण रूस की छवि आक्रामक राष्ट्र की बन गई है। इस तरह के कदम से वह विश्व समुदाय को दिखाना चाहता है कि वह शांति की दिशा में भी बढ़ने को तैयार है — बेशक अपने शर्तों पर।
यूक्रेन की प्रतिक्रिया सधी हुई
यूक्रेन ने फिलहाल इस युद्धविराम पर सतर्क प्रतिक्रिया दी है। कीव का कहना है कि वह रूस के किसी भी कदम को ‘जमीनी हालात’ के आधार पर परखेगा न कि केवल बयानों पर।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि “शांति की कोई भी पहल तभी सार्थक होगी जब रूस कब्जे वाले क्षेत्रों से पूरी तरह पीछे हटे।”
आगे क्या हो सकता है?
- यदि युद्धविराम का पालन सही ढंग से होता है, तो जून में संभावित शांति सम्मेलन की राह खुल सकती है।
- लेकिन अगर रूस इस दौरान अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करता है, तो यह एक अस्थायी रणनीतिक कदम बनकर रह जाएगा।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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