- ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को दूसरा समन दिया है
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शिकंजे में हैं। गुरुग्राम की एक विवादित जमीन डील के सिलसिले में सोमवार को उन्हें ED कार्यालय तलब किया गया, जहां वाड्रा खुद मौजूद हुए। इस पूछताछ का सिलसिला 2018 से चल रहे उस मामले से जुड़ा है, जिसमें स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट कंपनी DLF के बीच 3.5 एकड़ जमीन के ट्रांसफर को लेकर गड़बड़ियों के आरोप हैं।
पूछताछ से पहले बोले वाड्रा– “मेरी आवाज को दबाने की कोशिश”
ED कार्यालय पहुंचने से पहले वाड्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “जब भी मैं देश और जनता के लिए बोलता हूं, मुझे चुप कराने की कोशिश की जाती है। मैंने हमेशा जांच एजेंसियों के सभी सवालों का जवाब दिया है, आगे भी देता रहूंगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “हमने पहले ही बताया था कि दस्तावेज जुटा रहे हैं… लेकिन यहां मुझे बार-बार परेशान किया जा रहा है।”
पुराने आरोप फिर उभरे
लैंड डील विवाद की शुरुआत अक्टूबर 2011 में हुई थी, जब अरविंद केजरीवाल ने वाड्रा पर DLF से ब्याज मुक्त कर्ज और मोटी रकम में जमीन हासिल करने का आरोप लगाया था। बाद में इस मामले की जांच ED ने अपने हाथ में ली और PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत पूछताछ शुरू की गई। वाड्रा का कहना है कि “इस मामले में कुछ भी नया नहीं है, बल्कि यह बार-बार उन्हीं पुरानी बातों को दोहराकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश है।”
“23000 दस्तावेज जुटाना आसान नहीं”
वाड्रा ने खुलासा किया कि उन्हें अब तक 15 बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है, और हर बार 10 घंटे से ज्यादा समय तक सवाल-जवाब होते हैं। “23000 से ज्यादा दस्तावेज इकट्ठा करना और बार-बार वही बात समझाना आसान नहीं होता। जब मैं राजनीति में कदम रखने की बात करता हूं, तो सरकार मुझे निशाना बनाती है,” उन्होंने कहा।
क्या राजनीति में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं वाड्रा?
हाल ही में अंबेडकर जयंती पर रॉबर्ट वाड्रा ने खुले तौर पर राजनीति में आने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि अगर जनता का साथ मिला, तो वे पूरे जोश और तैयारी के साथ आगे आएंगे। यह पहली बार नहीं है जब वाड्रा ने राजनीति में उतरने के संकेत दिए हैं, लेकिन इस बार बयान और कार्रवाई, दोनों गंभीर लग रहे हैं।