- प्रियंका गांधी साथ आईं, कहा- हमें डराने की कोशिशें काम नहीं आएंगी
- मंगलवार को भी ईडी ने करीब छह घंटे तक सवाल-जवाब किए थे
चंडीगढ़ । गुरुग्राम ज़मीन घोटाले की जांच में रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के चंडीगढ़ दफ्तर पहुंचे। खास बात यह रही कि इस बार उन्हें छोड़ने के लिए खुद प्रियंका गांधी भी साथ आईं। यह लगातार दूसरा दिन था जब वाड्रा से पूछताछ की गई। मंगलवार को भी ईडी ने करीब छह घंटे तक सवाल-जवाब किए थे। बुधवार को पेशी से पहले वाड्रा ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें डराया नहीं जा सकता। “अगर आप मुझे परेशान करेंगे, तो मैं और मजबूत बनूंगा। हम सच बोलते हैं, इसलिए निशाने पर हैं। पर हम डरते नहीं हैं – हम हार्ड टारगेट हैं और आगे भी मजबूत बनते रहेंगे,” उन्होंने कहा। वाड्रा ने आरोप लगाया कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है। इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी आरोप हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए वाड्रा की कंपनी को लाभ पहुंचाया था।
2008 के ज़मीन सौदे से शुरू हुआ मामला
पूरा मामला साल 2008 में हुए एक ज़मीन सौदे से जुड़ा है। वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ ज़मीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। उसी साल, हुड्डा सरकार ने इस ज़मीन पर 2.7 एकड़ के हिस्से के लिए कमर्शियल कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस जारी कर दिया। इसके बाद स्काईलाइट ने यह ज़मीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी, जिससे कंपनी को करीब 50 करोड़ का फायदा हुआ। ईडी ने वाड्रा को पहले भी समन भेजा था लेकिन तब वे पेश नहीं हुए। अब लगातार दो दिन की पूछताछ से साफ है कि एजेंसी इस मामले को लेकर गंभीर है और आगे की कार्रवाई भी संभव है।