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April 25, 2025 12:44 AM

महंगाई पर राहत: खुदरा मुद्रास्फीति छह साल के न्यूनतम स्तर पर, थोक महंगाई में भी गिरावट

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नई दिल्ली। देशवासियों को महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। उपभोक्ताओं को सीधा असर देने वाली खुदरा मुद्रास्फीति यानी सीपीआई आधारित महंगाई मार्च 2025 में गिरकर 3.34% पर आ गई, जो कि पिछले छह वर्षों का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले फरवरी में यह दर 3.61% थी, जबकि पिछले साल मार्च 2024 में 4.85% रही थी।

वहीं, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित थोक महंगाई दर भी नरमी के संकेत देती नजर आई। मार्च में यह घटकर 2.05% रह गई, जो पिछले चार महीनों में सबसे कम है। नवंबर 2024 में यह दर 1.89% पर थी।

महंगाई में गिरावट के मुख्य कारण

मार्च में सब्जियों और प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पादों की कीमतों में नरमी देखने को मिली, जिससे खाद्य महंगाई में भी उल्लेखनीय कमी आई।

  • मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 2.69% रह गई
  • जबकि फरवरी में यह 3.75% और
  • मार्च 2024 में 8.52% थी

विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य आपूर्ति बेहतर रहने, मौसम अनुकूल रहने और सरकारी हस्तक्षेप के चलते खाद्य वस्तुओं की कीमतें नियंत्रण में आईं, जिससे उपभोक्ता महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई।

आरबीआई का अनुमान और मौद्रिक नीति का असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में महंगाई में गिरावट के रुझान को देखते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी, जिससे कर्ज सस्ता हुआ और बाजारों को गति मिली।

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई दर औसतन 4% रहने का अनुमान जताया है।

  • Q1: 3.6%
  • Q2: 3.9%
  • Q3: 3.8%
  • Q4: 4.4%

शेयर बाजार में उत्साह, सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार उछाल

महंगाई में नरमी और अमेरिकी टैरिफ को लेकर स्पष्टता आने के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई।

  • सेंसेक्स में 1,577.63 अंकों की उछाल आई और यह 76,734.89 के स्तर पर बंद हुआ
  • वहीं, निफ्टी 500 अंकों की छलांग के साथ 23,328.55 पर बंद हुआ

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि महंगाई में नरमी से आरबीआई की आगे की दरों में कटौती की संभावना बढ़ी है, जिससे बाजार में निवेशकों का उत्साह बना हुआ है।

आम जनता को भी राहत

महंगाई की रफ्तार धीमी होने से उपभोक्ताओं को रोजमर्रा के खर्चों में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। खासकर खाद्य सामग्री, सब्जियां, और दालें जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता से मध्यम वर्ग को सीधा लाभ हो सकता है।


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