एमपी का 9वां टाइगर रिजर्व बना रातापानी अभ्यारण्य: दो दिन में दो टाइगर रिजर्व की मिली मंजूरी, 9 नए गांव बफर क्षेत्र में शामिल
मध्यप्रदेश में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिहाज से एक बड़ी खबर आई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 दिसंबर, 2024 को रातापानी अभ्यारण्य को राज्य का 9वां टाइगर रिजर्व घोषित किया। इस घोषणा के साथ ही रातापानी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल गया, जो वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण में अहम कदम है।
रातापानी अभ्यारण्य का टाइगर रिजर्व में रूपांतरण
रातापानी अभ्यारण्य, जो पहले से ही विभिन्न वन्यजीवों का घर था, अब टाइगर रिजर्व के रूप में नए अधिकारों और संरक्षण योजनाओं के तहत आएगा। मध्यप्रदेश सरकार ने इस निर्णय को पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना है।
इस टाइगर रिजर्व की स्थापना से न केवल बाघों की संख्या में वृद्धि की संभावना है, बल्कि यह अन्य वन्यजीवों जैसे तेंदुआ, संगठना, भालू, आदि के संरक्षण में भी मदद करेगा। इसके अलावा, इस क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए विशेष कार्यक्रम और निगरानी की व्यवस्था भी की जाएगी।
दो दिन में मिली मंजूरी
यह महत्वपूर्ण निर्णय दो दिन में लिए गए दो महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा है। मध्यप्रदेश सरकार ने एक ही सप्ताह में दो टाइगर रिजर्व की मंजूरी दी है। जहां रातापानी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला, वहीं दूसरे फैसले में कचनार पहाड़ी को भी टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। इससे मध्यप्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए नए और बेहतर प्रयास किए जाएंगे।
बफर क्षेत्र में 9 नए गांव शामिल
रातापानी टाइगर रिजर्व के निर्माण के साथ ही बफर क्षेत्र के अंतर्गत 9 नए गांवों को शामिल किया गया है। यह गांवों में स्थानीय समुदायों को वन्यजीव संरक्षण की गतिविधियों में शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा। इन गांवों में रहने वाले लोगों को भी टाइगर रिजर्व की महत्वता और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा है कि इन गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की जाएंगी, ताकि उनका जीवन वन्यजीवों के संरक्षण से प्रभावित न हो। इसके तहत रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।
सरकार की योजनाएं और भविष्य की दिशा
मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने कहा, “हमारे राज्य में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। रातापानी और कचनार जैसे अभ्यारण्य अब टाइगर रिजर्व बन गए हैं, जो यह दर्शाता है कि हम वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि टाइगर रिजर्व के बढ़ने से राज्य में पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा और यह वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आवास प्रदान करेगा। राज्य सरकार के अनुसार, टाइगर रिजर्व के तहत बाघों के संरक्षण, आहार श्रृंखला की बहाली और वन्यजीवों के आवासों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
वन्यजीव संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
मध्यप्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या अब 9 हो गई है, और सरकार ने अगले कुछ वर्षों में और भी रिजर्व बनाने की योजना बनाई है। सरकार का मानना है कि इस तरह के रिजर्व के निर्माण से मध्यप्रदेश को पर्यटन के दृष्टिकोण से भी फायदा होगा, क्योंकि यह राज्य को वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण स्थल बना देगा।
रातापानी अभ्यारण्य का टाइगर रिजर्व में रूपांतरण और 9 नए गांवों का बफर क्षेत्र में समावेश मध्यप्रदेश में वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल बाघों के संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि यह स्थानीय समुदायों के जीवन में सुधार लाने के लिए भी अवसर प्रदान करेगा।