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February 15, 2025 7:09 PM

राज्यसभा में संविधान पर चर्चा शुरू, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की शुरुआत

राज्यसभा में संविधान पर चर्चा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मल्लिकार्जुन खड़गे की भागीदारी, संसद सत्र में संविधान पर महत्वपूर्ण विचार।

नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के 16वें दिन आज राज्यसभा में संविधान पर दो दिवसीय चर्चा की शुरुआत हुई। इस महत्वपूर्ण चर्चा की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की, जिसमें उन्होंने संविधान की उत्पत्ति, इसके महत्व और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर दिया। चर्चा में विपक्षी दलों का नेतृत्व करते हुए, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मंगलवार को इस चर्चा में हिस्सा लेंगे।

वित्त मंत्री का बयान: पहली अंतरिम सरकार और संविधान संशोधन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा की शुरुआत करते हुए 1950 में सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उस समय कोर्ट ने कम्युनिस्ट पत्रिका क्रॉस रोड्स और आरएसएस की संगठनात्मक पत्रिका ऑर्गनाइजर के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद, तत्कालीन अंतरिम सरकार ने संविधान में संशोधन करके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कदम उठाया था।

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि भारत, जो आज भी अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है, ने पहली बार संविधान में संशोधन देखा था, जिसका उद्देश्य भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करना था। इस दौरान, उन्होंने लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट किया और संविधान की महत्ता पर जोर दिया।

मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मांग

विपक्ष की ओर से, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान पर चर्चा की शुरुआत करने का आह्वान किया था। इसके अलावा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को पत्र लिखकर संविधान पर चर्चा की मांग की थी।

इससे पहले, लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर विशेष चर्चा हो चुकी थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया था। उन्होंने सदन में 11 संकल्प पेश किए थे, जो संविधान के मूल्य और महत्व को स्पष्ट करते थे।

लोकसभा में एक देश-एक चुनाव बिल

लोकसभा में एक और महत्वपूर्ण बिल की बात की जा रही थी, जो एक देश-एक चुनाव से जुड़ा था। इस बिल को पहले 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यसूची में शामिल किया गया था, लेकिन बाद में इसे 15 दिसंबर को संशोधित लिस्ट से हटा दिया गया। अब इस बिल को मंगलवार को पेश किया जा सकता है।

राज्यसभा में निर्विरोध चुने गए सांसदों का शपथ ग्रहण

राज्यसभा में आज छह सांसदों ने निर्विरोध शपथ ग्रहण किया। इनमें से पांच सांसद भाजपा और टीडीपी से हैं, और एक सांसद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से है। यह सांसद निम्नलिखित हैं:

  1. रीताब्रत बनर्जी – तृणमूल कांग्रेस (पश्चिम बंगाल)
  2. रेखा शर्मा – भारतीय जनता पार्टी (हरियाणा)
  3. सुजीत कुमार – भारतीय जनता पार्टी (ओडिशा)
  4. सतीश बाबू – तेलुगु देशम पार्टी (आंध्र प्रदेश)
  5. बी मस्तान राव यादव – तेलुगु देशम पार्टी (आंध्र प्रदेश)
  6. आर कृष्णैया – भारतीय जनता पार्टी (आंध्र प्रदेश)

इन सांसदों ने राज्यसभा में शपथ ली और अब वे अपनी-अपनी पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में सदन में काम करेंगे।

राज्यसभा में संविधान पर चल रही यह चर्चा देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के महत्व को समझने और मजबूती से स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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