नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अचानक उत्तर प्रदेश के हाथरस दौरे का फैसला लिया। इस दौरे के बारे में सुबह तक किसी को कोई जानकारी नहीं थी। राहुल गांधी हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 2020 के गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मुलाकात करेंगे। उनके दौरे को लेकर गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रशासन सतर्क है।
चार साल पुराना मामला, जिसने देश को हिलाकर रख दिया
हाथरस में 14 सितंबर 2020 को दलित युवती के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया था। युवती के साथ गैंगरेप के बाद उसकी स्थिति गंभीर हो गई थी। पीड़िता ने 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस घटना के बाद पुलिस ने परिवार की सहमति के बिना रात में ही युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था। इस घटना ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था।

सीबीआई को सौंपी गई थी जांच
घटना के बाद यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे। आरोप था कि पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। देशभर में जनता और विपक्षी दलों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। वर्तमान में यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
राहुल गांधी का अचानक दौरा और प्रतिक्रिया
राहुल गांधी सुबह दिल्ली से अपने घर से निकलकर सीधे हाथरस के लिए रवाना हुए। उनके इस दौरे के पीछे का उद्देश्य पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी लेना और न्याय के प्रति समर्थन व्यक्त करना बताया जा रहा है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी का यह दौरा पीड़िता के परिवार के साथ एकजुटता प्रकट करने का प्रयास है।
भाजपा का बयान
राहुल गांधी के दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “राहुल गांधी हताशा में हैं। हाथरस मामले की जांच सीबीआई ने पूरी कर ली है और मामला अदालत में चल रहा है। राहुल गांधी यूपी को अराजकता और दंगों की आग में झोंकने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह दौरा केवल राजनीतिक लाभ के लिए है।”
हाथरस में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राहुल गांधी के दौरे को लेकर प्रशासन ने बूलगढ़ी गांव में सुरक्षा बढ़ा दी है। गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि दौरे के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।
पीड़िता के परिवार का समर्थन जारी
चार साल बाद भी यह मामला आज भी चर्चा में है। पीड़िता का परिवार अब भी न्याय की उम्मीद कर रहा है। राहुल गांधी के दौरे को लेकर परिवार ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि इस मुलाकात के जरिए उनकी आवाज और भी मजबूती से उठाई जाएगी।
हाथरस की यह घटना न्याय और मानवाधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बन गई है। राहुल गांधी का दौरा इस मुद्दे पर उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनकी इस पहल का यूपी की राजनीति और न्याय प्रक्रिया पर क्या प्रभाव पड़ता है।