सुल्तानपुर। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में गुरुवार को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, उनके अधिवक्ता के अस्वस्थ होने के कारण जिरह नहीं हो सकी। विशेष कोर्ट के जज शुभम वर्मा ने राहुल गांधी को अंतिम अवसर देते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 फरवरी तय की है।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला 2018 का है, जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कथित रूप से एक विवादित बयान दिया था। इस बयान को लेकर भाजपा नेता विजय मिश्रा, जो कि सुल्तानपुर के कोतवाली देहात क्षेत्र के हनुमानगंज निवासी हैं, ने एमपी-एमएलए कोर्ट में मानहानि का परिवाद दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की टिप्पणी से वे आहत हुए हैं। इसके बाद से इस मामले की कानूनी प्रक्रिया लगातार चल रही है।
पांच साल लंबी कानूनी प्रक्रिया
इस मामले में सुनवाई बीते पांच वर्षों से चल रही है, लेकिन राहुल गांधी अब तक कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुए थे। इसे देखते हुए दिसंबर 2023 में अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया और उन्हें तलब किया। इसके बाद फरवरी 2024 में राहुल गांधी ने कोर्ट में सरेंडर किया।
विशेष मजिस्ट्रेट ने उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो मुचलकों पर जमानत दे दी थी। इसके बाद अदालत ने राहुल गांधी को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया।
राहुल गांधी का बयान और कोर्ट की कार्यवाही
लगभग दर्जन भर तारीखों के बाद 26 जुलाई 2024 को राहुल गांधी कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा कि यह मामला उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
इसके बाद कोर्ट ने वादी विजय मिश्रा को अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मामले की सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को होनी थी, लेकिन विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण यह टल गई। इसके बाद 2 जनवरी 2025 को जिरह पूरी नहीं हो सकी, जिससे अदालत ने अगली तारीख 10 जनवरी और 22 जनवरी तय की। हालांकि, दोनों ही तिथियों पर अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण सुनवाई फिर से टल गई।
कोर्ट ने दी अंतिम चेतावनी
गुरुवार को सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के अधिवक्ता की अनुपस्थिति के चलते एक बार फिर जिरह नहीं हो सकी। इस पर विशेष कोर्ट के जज शुभम वर्मा ने स्पष्ट किया कि अब अदालत कोई और देरी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने राहुल गांधी को अंतिम अवसर देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 11 फरवरी 2025 निर्धारित कर दी।
क्या होगा आगे?
अगर 11 फरवरी को भी जिरह पूरी नहीं होती है, तो अदालत कोई कठोर निर्णय ले सकती है। अब देखना होगा कि इस सुनवाई में राहुल गांधी स्वयं पेश होंगे या नहीं और मामले में आगे क्या नया मोड़ आता है।