तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग करेगा जांच, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज पर मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक घायल हो गए। हादसे में घायल हुए 90 से अधिक लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन ने मृतकों एवं घायलों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है।
कैसे हुआ हादसा?
बुधवार को मौनी अमावस्या पर पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे। इसी दौरान संगम नोज क्षेत्र में अचानक भीड़ बढ़ने से भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ श्रद्धालु फिसलकर गिर गए, जिससे उनके ऊपर अन्य श्रद्धालु चढ़ते चले गए और भगदड़ की स्थिति बन गई। इस दौरान बैरिकेड्स टूटने से भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया। सुरक्षा बलों और पुलिस ने स्थिति संभालने का प्रयास किया, लेकिन कुछ ही मिनटों में बड़ा हादसा हो गया।
90 से अधिक घायल, मृतकों में अधिकतर कर्नाटक, गुजरात और असम के श्रद्धालु
प्रशासन द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिनमें से 25 की पहचान कर ली गई है। मृतकों में अधिकतर श्रद्धालु कर्नाटक, गुजरात और असम से आए थे। 36 घायलों का इलाज स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में चल रहा है, जबकि 24 श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।
जांच के आदेश, तीन सदस्यीय आयोग गठित
इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगा। आयोग को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी होगी। प्रशासन यह भी जांच करेगा कि क्या हादसा अव्यवस्थित भीड़ नियंत्रण की वजह से हुआ या किसी लापरवाही का नतीजा था।
मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा
उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के परिवारों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों के समुचित इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और अधिकारियों को राहत कार्यों में पूरी तत्परता बरतने के निर्देश दिए।
योगी सरकार की सक्रियता ने टाला बड़ा हादसा
मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पर एकत्र हुए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रशासन पहले से सतर्क न होता तो यह हादसा और भी भयावह हो सकता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं स्थिति की समीक्षा की और पल-पल की रिपोर्ट ली।
महाकुंभ में आए विभिन्न साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने योगी सरकार की व्यवस्थाओं और तैयारियों की सराहना की, हालांकि इस भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
प्रयागराज मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है, जिस पर कोई भी अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
इस हादसे ने महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और श्रद्धालुओं की स