खजुराहो में बना अनूठा नृत्य कीर्तिमान
24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहा शास्त्रीय नृत्य मैराथन
दीपक पगारे, भोपाल
मंदिरों की नगरी खजुराहो एक बार फिर भारतीय शास्त्रीय नृत्य की भव्य प्रस्तुति का गवाह बना। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव “जलसा खजुराहो” के पूर्व, बुधवार से प्रारंभ हुए “शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले)” ने इतिहास रच दिया। इस अनूठी प्रस्तुति का समापन गुरुवार को हुआ, जिसके साथ ही विश्व नृत्य कीर्तिमान बनने की संभावना प्रबल हो गई। इस आयोजन में मध्यप्रदेश के 139 कलाकारों ने 24 घंटे से अधिक समय तक सतत शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर नृत्य कला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
भव्य उद्घाटन समारोह
इस महोत्सव का उद्घाटन छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल, पुलिस अधीक्षक अगम जैन एवं संस्कृति संचालक एनपी नामदेव की उपस्थिति में किया गया। वृहद शास्त्रीय नृत्य के समन्वयक प्रत्यूष दाधीच के नेतृत्व में आयोजन की शुरुआत हुई। उपस्थित अतिथियों द्वारा काउंटडाउन के साथ नृत्य मैराथन का शुभारंभ हुआ।

नृत्य की अविरल धारा
प्रस्तुति की शुरुआत राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय, ग्वालियर के नृत्य विभाग के छात्रों द्वारा भरतनाट्यम से हुई। उन्होंने भगवान विनायक पर पुष्पांजलि एवं मल्लारी की पारंपरिक प्रस्तुति दी। इसके पश्चात दशावतार, कृष्ण कीर्तनम, शिव पंचाक्षर स्तोत्रम एवं काल भैरवाष्टकम प्रस्तुत किए गए। अंत में तिल्लाना के साथ इस समूह की प्रस्तुति का समापन हुआ। इसके बाद कथक, ओडिसी और कुचिपुड़ी विधाओं के विभिन्न कलाकारों ने अपनी अद्भुत प्रस्तुतियां दीं।
इस भव्य आयोजन में विभावरी संस्था इंदौर, आरंभ अकादमी इंदौर, त्रिविधा अकादमी जबलपुर, सदाशिव संगीत नाट्य कला समिति भोपाल, ध्रुपद अकादमी इंदौर, शासकीय संगीत महाविद्यालय उज्जैन, नरसिंहगढ़ और मंदसौर के कलाकारों ने अपनी नृत्य कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नृत्य मैराथन का समापन 20 फरवरी को दोपहर 3:00 बजे हुआ।

नृत्य की विविधता
इस रिकॉर्ड प्रयास में मध्यप्रदेश के 139 कलाकारों ने भाग लिया। ये सभी भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी और कुचिपुड़ी जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूपों के विशेषज्ञ थे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम के सदस्य निश्चल बारोट के अनुसार, यह नृत्य मैराथन एक नई श्रेणी में रिकॉर्ड स्थापित करने जा रहा है।
कलाकारों की प्रतिक्रियाएं
भरतनाट्यम नृत्यांगना तनिष्का हतवलने ने इस आयोजन को नृत्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग का यह प्रयास नवोदित कलाकारों को प्रोत्साहित करेगा। हमें गर्व है कि हम इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने।”
नृत्य गुरु पूर्वा पाण्डेय ने इसे युवा कलाकारों के लिए एक बड़ा अवसर बताया, जिससे उन्हें नृत्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की प्रेरणा मिलेगी। भरतनाट्यम नृत्य कलाकार देवव्रत सिंह सेंगर ने कहा, “24 घंटे से अधिक समय तक सतत नृत्य का प्रदर्शन करना एक अनूठी उपलब्धि है, जो नृत्य क्षेत्र के लिए एक मिसाल बनेगी।” कथक नृत्यांगना पलक पांचाल ने कहा, “हम मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के आभारी हैं कि उन्होंने यह अद्वितीय आयोजन किया। इससे नृत्य कलाकारों को एक नई पहचान मिलेगी।”
अब तक के रिकॉर्ड और संभावित नया कीर्तिमान
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग ने अब तक छह बड़े सांस्कृतिक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इनमें वाद्य यंत्र बजाने, गीता पाठ, कथक प्रस्तुति, महाकालेश्वर मंदिर में डमरू वादन, दीप प्रज्वलन और शास्त्रीय बैंड प्रस्तुति शामिल हैं। अब यह सातवां कीर्तिमान बनने की ओर अग्रसर है, जो भारतीय शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
खजुराहो के इस भव्य आयोजन ने न केवल मध्यप्रदेश बल्कि संपूर्ण भारत के नृत्य जगत में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। यह अनूठा प्रयास भारतीय शास्त्रीय नृत्य को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।