नागपुर, 30 मार्च 2025 – चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रम संवत 2082 के पावन अवसर पर जब पूरे देश में नववर्ष और नव संवत्सर का उल्लास है, भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रथम सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए नागपुर स्थित स्मृति मंदिर पहुंचे।
प्रधानमंत्री ने किया स्मृति मंदिर में नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह विशेष कार्यक्रम के तहत नागपुर पहुंचे, जहां उन्होंने डॉ. हेडगेवार की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, “डॉ. हेडगेवार का जीवन राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और समाज सेवा की प्रेरणा देता है। उन्होंने भारत को एक सशक्त और संगठित राष्ट्र बनाने की दिशा में जो योगदान दिया, वह अविस्मरणीय है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान स्मृति मंदिर में कुछ समय व्यतीत किया और वहां मौजूद संघ पदाधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रनिर्माण में आरएसएस की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि डॉ. हेडगेवार का सपना आत्मनिर्भर और संगठित भारत का था, जिसे पूरा करने के लिए आज हर नागरिक को अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा।

हेडगेवार जी की जयंती पर संघ के कार्यक्रम
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। नागपुर स्थित स्मृति मंदिर में विशेष संगोष्ठी और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने भी अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा, “डॉ. हेडगेवार ने समाज को जागरूक और संगठित करने के लिए जो मार्गदर्शन दिया, वह आज भी प्रासंगिक है। हमें उनके बताए आदर्शों पर चलकर भारत को विश्वगुरु बनाना है।”
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा,
“डॉ. हेडगेवार एक महान राष्ट्रभक्त थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारत की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव के लिए समर्पित कर दिया। उनका संगठन कौशल और राष्ट्रप्रेम हमें प्रेरणा देता है। उनकी विचारधारा से प्रेरित होकर भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि डॉ. हेडगेवार का सपना एक संगठित और सशक्त भारत का था, और आज देश उसी दिशा में बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्रनिर्माण में अपनी भूमिका निभाएं और भारतीय संस्कृति व परंपराओं को सहेजें।

संघ संस्थापक का राष्ट्रहित में योगदान
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई और 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। उनका उद्देश्य समाज में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करना और एक संगठित भारत का निर्माण करना था। उनकी विचारधारा और संगठन शैली ने आरएसएस को एक सशक्त राष्ट्रवादी संस्था के रूप में स्थापित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे को संघ और भारतीय जनता पार्टी के लिए विशेष महत्व का माना जा रहा है, क्योंकि यह डॉ. हेडगेवार की विचारधारा और संगठन की नींव को और अधिक सशक्त बनाने का संकेत देता है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
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