पेरिस/मार्सिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे का आज तीसरा और अंतिम दिन है। इस दौरे के दौरान वे फ्रांस के ऐतिहासिक और औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण शहर मार्सिले में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। यह फ्रांस में भारत का दूसरा वाणिज्य दूतावास होगा। इससे पहले भारत का एक वाणिज्य दूतावास पेरिस में स्थित है, जो लंबे समय से काम कर रहा है।

भारत-फ्रांस संबंधों को मिलेगा नया आयाम
पीएम मोदी का यह कदम भारत और फ्रांस के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। मार्सिले फ्रांस का एक प्रमुख बंदरगाह शहर है और यूरोप-भारत व्यापार के लिए एक अहम केंद्र माना जाता है। इस वाणिज्य दूतावास के खुलने से व्यापार, निवेश और भारतीय समुदाय के लिए वाणिज्यिक सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।
मजारगेज युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे पीएम मोदी
वाणिज्य दूतावास के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी मजारगेज युद्ध स्मारक जाएंगे, जहां वे प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह स्मारक उन सैनिकों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। प्रधानमंत्री का यह कदम भारत और फ्रांस के ऐतिहासिक सैन्य सहयोग को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।
न्यूक्लियर फ्यूजन प्रोजेक्ट का करेंगे दौरा
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) प्रोजेक्ट का दौरा करेंगे। यह एक न्यूक्लियर फ्यूजन प्रोजेक्ट है, जिसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग से विकसित किया जा रहा है। भारत इस प्रोजेक्ट में एक प्रमुख भागीदार है, और यह दुनिया की सबसे अत्याधुनिक न्यूक्लियर फ्यूजन परियोजनाओं में से एक मानी जाती है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य साफ और अक्षय ऊर्जा का विकास करना है, जो भविष्य में पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम कर सकता है।

पीएम मोदी का अमेरिका दौरा
फ्रांस दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के लिए रवाना होंगे, जहां वे कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगे। फ्रांस में उनकी यह यात्रा राजनयिक, व्यापारिक और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और फ्रांस के सामरिक, आर्थिक और वैज्ञानिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।