भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में संबोधन लगभग बीस मिनट की देरी से शुरू हुआ। इस देरी का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन्होंने विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे जानकारी मिली कि जब मेरा काफिला राजभवन से निकलने वाला था, उसी समय बड़ी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा देने जा रहे थे। मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से उन्हें किसी भी तरह की असुविधा हो, इसलिए मैंने अपना निकलने का कार्यक्रम कुछ आगे बढ़ा दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता की सराहना
प्रधानमंत्री के इस निर्णय को लेकर छात्रों, अभिभावकों और आम जनता ने सराहना की। परीक्षा के दौरान यातायात बाधित न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री ने समय प्रबंधन में बदलाव किया, जिससे विद्यार्थियों को बिना किसी परेशानी के अपने परीक्षा केंद्र पहुंचने का अवसर मिला।
इस फैसले से यह स्पष्ट हुआ कि प्रधानमंत्री न केवल औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, बल्कि आम नागरिकों, विशेष रूप से विद्यार्थियों की जरूरतों को भी प्राथमिकता देते हैं।
यातायात बाधित होने से बचाने के लिए लिया गया फैसला
प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान आमतौर पर कड़े सुरक्षा इंतजाम और ट्रैफिक नियंत्रण किया जाता है, जिससे आम जनता को कुछ असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने विद्यार्थियों की परीक्षा को प्राथमिकता देते हुए यातायात की सहजता को बनाए रखने का निर्णय लिया।
✔ मुख्य बातें:
- प्रधानमंत्री मोदी का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाषण 20 मिनट देर से शुरू हुआ।
- परीक्षा के चलते उनका राजभवन से निकलने का समय बदला गया।
- इस फैसले से विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
- लोगों ने प्रधानमंत्री की इस संवेदनशीलता की प्रशंसा की।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले की जानकारी सामने आते ही सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई लोगों ने इसे छात्रों के प्रति एक जिम्मेदार और संवेदनशील निर्णय बताया।
कुछ उपयोगकर्ताओं ने ट्वीट कर कहा:
- “प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम दिखाता है कि वे आम लोगों की परेशानियों को भी गंभीरता से लेते हैं।” –
- “यह फैसला विद्यार्थियों के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। इस तरह की संवेदनशीलता बहुत कम देखने को मिलती है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विद्यार्थियों की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यक्रम में बदलाव करना उनकी संवेदनशीलता और आम जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम युवाओं और शिक्षा के प्रति उनके सकारात्मक दृष्टिकोण को भी उजागर करता है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जहां औद्योगिक और आर्थिक विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई, वहीं प्रधानमंत्री के इस फैसले ने यह संदेश दिया कि उनके लिए देश के विद्यार्थी भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।