July 5, 2025 12:33 PM

पाकिस्तान में पहलगाम हमले के बाद भारत को लेकर सियासी एकजुटता, सभी दलों ने जवाबी कार्रवाई का दिया समर्थन

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इस्लामाबाद।
भारत के जम्मू-कश्मीर स्थित पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के भीतर राजनीतिक दलों में अचानक एकता देखने को मिली है। रविवार देर रात पाकिस्तानी सेना ने सभी मुख्य राजनीतिक दलों को मौजूदा हालात पर ब्रीफिंग दी, जिसमें भारत द्वारा किसी भी संभावित कार्रवाई की स्थिति में एकजुट होकर जवाब देने पर सहमति बनी।

यह महत्वपूर्ण ब्रीफिंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने की। पाकिस्तानी मीडिया समूह ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रीफिंग में सभी प्रमुख पार्टियों ने यह सहमति जताई कि यदि भारत की ओर से कोई हमला होता है, तो वे संयुक्त मोर्चे के रूप में उसका जवाब देंगे।

PTI ने किया बहिष्कार
हालांकि, इस बैठक में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) शामिल नहीं हुई। इसका कारण इमरान खान की जेल से रिहाई को लेकर सरकार और पार्टी के बीच चल रहा गतिरोध है। PTI लगातार इमरान की रिहाई की मांग कर रही है, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया है। इसी कारण पार्टी ने इस राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बैठक का बहिष्कार किया।

राजनीतिक सहमति का मकसद
ब्रीफिंग का उद्देश्य यह स्पष्ट करना था कि हालात अगर बिगड़ते हैं और भारत की ओर से कोई सैन्य प्रतिक्रिया होती है, तो पाकिस्तान की समूची राजनीतिक व्यवस्था सेना के साथ खड़ी होगी। सेना ने इस दौरान विपक्ष को सुरक्षा तैयारियों, सीमावर्ती गतिविधियों और खुफिया जानकारी के बारे में अवगत कराया।
पाकिस्तानी सेना और सरकार की यह कवायद भारत की संभावित कार्रवाई को लेकर अंदरूनी तैयारी का संकेत है।

भारत-पाक संबंधों में फिर तनाव
पहलगाम आतंकी हमले में सात लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद भारत के राजनीतिक गलियारों और मीडिया में पाकिस्तान पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस हमले में सीमा पार से आए आतंकी शामिल थे। ऐसे में भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया की अटकलें तेज़ हैं।

विश्लेषण
पाकिस्तान की राजनीति में जिस तरह के तीखे मतभेद और सत्ता संघर्ष देखने को मिलते हैं, उसमें सुरक्षा के मुद्दे पर यह एकता दुर्लभ है। हालांकि PTI का बहिष्कार यह दर्शाता है कि अंदरूनी सियासी दरार अब भी बनी हुई है। ऐसे में यदि भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाया जाता है, तो पाकिस्तान की राजनीतिक एकता की वास्तविक परीक्षा होगी।



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