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February 9, 2025 7:57 AM

हल्दी उत्पादन 5 साल में 20 लाख टन करने का लक्ष्य, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का शुभारंभ

National Turmeric Board Launched, India Aims for 20 Lakh Tonnes of Turmeric Production

नई दिल्ली:
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य देश में हल्दी उत्पादन को बढ़ावा देना और वैश्विक स्तर पर निर्यात को बढ़ाना है। इस अवसर पर गोयल ने कहा कि अगले 5 वर्षों में हल्दी उत्पादन को दोगुना कर 20 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यदि सरकार बजट 2025 में हल्दी किसानों के लिए कोई नई योजना की घोषणा करती है, तो यह देश में अपनी तरह का पहला कदम होगा।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का गठन और मुख्यालय

इस बोर्ड का मुख्यालय तेलंगाना के निजामाबाद में स्थित होगा, जो हल्दी उत्पादन में प्रमुख स्थान रखता है। पीयूष गोयल ने कहा, “यह बोर्ड हल्दी उत्पादन में नवाचार, वैश्विक प्रचार और मूल्य संवर्धन के बेहतर अवसरों को सुनिश्चित करेगा, जिससे किसानों को नई दिशा मिल सकेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि हल्दी के किसान लगभग 40 वर्षों से बोर्ड की स्थापना की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी हो चुकी है।

भारत की वैश्विक हिस्सेदारी

भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है। विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62% से अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 1.62 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया, जिसका मूल्य 226.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। इसके अलावा, सरकार ने अगले 5 वर्षों में 2 लाख टन निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है।

हल्दी किसानों के लिए नई योजनाएं

केंद्रीय मंत्री गोयल ने यह भी संकेत दिया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में हल्दी बोर्ड के लिए एक विशेष बजट आवंटन की घोषणा कर सकती हैं, जो हल्दी उद्योग को नई दिशा दे सकता है। इस नई योजना से किसानों को उत्पादन बढ़ाने और वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने के अवसर मिल सकते हैं।

प्रधानमंत्री का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा, “राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना बहुत खुशी की बात है, खासकर हमारे हल्दी किसानों के लिए। इससे हल्दी उत्पादन में नवाचार, वैश्विक प्रचार और मूल्य संवर्धन के बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे। इससे आपूर्ति शृंखला मजबूत होगी, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।”

हल्दी के महत्व और इसके निर्यात

हल्दी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण मसाला है। हल्दी का उपयोग न केवल रसोई में, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी होता है। इसके औषधीय गुणों के कारण वैश्विक स्तर पर हल्दी की मांग लगातार बढ़ रही है। सरकार इस मांग को पूरा करने के लिए किसानों को बेहतर संसाधन और तकनीकी सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।

किसानों के लिए नई योजनाओं की उम्मीद

आशा जताई जा रही है कि आने वाले बजट में हल्दी किसानों के लिए विशेष योजनाओं का ऐलान किया जा सकता है, जिससे वे अपने उत्पादन को बढ़ा सकेंगे और वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकार का उद्देश्य हल्दी की कीमतों को नियंत्रित करना और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना है।

हल्दी का वैश्विक व्यापार

भारत की हल्दी का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व है। सरकार हल्दी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है, जैसे कि नए निर्यात मार्गों का विकास और गुणवत्ता सुधार। इसके अलावा, हल्दी के नए उत्पादों के लिए नए बाजारों को खोलने की योजना है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिले और देश का निर्यात बढ़ सके।

भविष्य की योजनाएं

भारत सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में हल्दी उत्पादन में तकनीकी सुधार और नए निवेश के जरिए हल्दी के उत्पादन को और बढ़ाया जाए। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा, बल्कि किसानों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। इस कदम से हल्दी उत्पादन में सुधार के साथ-साथ देश के समग्र कृषि क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन और आगामी योजनाओं की घोषणा भारतीय हल्दी उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इससे देश में हल्दी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत होगी। अब सभी की निगाहें बजट 2025 पर होंगी, जिसमें हल्दी किसानों के लिए नई योजनाओं की घोषणा की उम्मीद है।

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