स्काईरूट एयरोस्पेस का ‘इनफिनिटी कैंपस’ भी लॉन्च, पीएम बोले— “भारत का युवा ग्लोबल रॉकेट सेक्टर का नेतृत्व करेगा”

नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स)।
भारत के स्पेस सेक्टर में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक उपलब्धि की तरह दर्ज हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I का अनावरण किया।
यह रॉकेट 2026 में लॉन्च होगा और 300 किलोग्राम तक के उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने में सक्षम होगा। इसके साथ ही पीएम ने स्काईरूट एयरोस्पेस के अत्याधुनिक इनफिनिटी कैंपस का उद्घाटन भी किया, जो डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का एक एकीकृत केंद्र होगा।

विक्रम-I: भारत के स्पेस इतिहास का नया अध्याय

26 मीटर (करीब 85 फीट) ऊंचा विक्रम-I अब पूरी तरह भारत की निजी क्षेत्र में उभरती क्षमताओं का प्रतीक बन गया है। हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा विकसित यह रॉकेट आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक लॉन्च मार्केट में प्रतिस्पर्धा का केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

स्काईरूट की स्थापना दो पूर्व ISRO वैज्ञानिकों—पवन चंदना और भरत ढाका—ने 2018 में की थी। कुछ ही वर्षों में उनके नेतृत्व में कंपनी भारत की प्रमुख निजी अंतरिक्ष कंपनियों में शामिल हो गई है।

skyroot
skyroot Photograph: (google)

भारत में बढ़ रहा निजी अंतरिक्ष क्षेत्र: 300 से ज्यादा स्टार्टअप सक्रिय

भारत का स्पेस सेक्टर तेजी से निजी कंपनियों के लिए खुल रहा है। आज देश में 300 से अधिक स्टार्टअप अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं, जो रॉकेट निर्माण, उपग्रह सेवा, स्पेस डेटा, नेविगेशन और लॉन्च समाधान जैसी आधुनिक तकनीकों पर कार्यरत हैं।

इन्हीं में से कुछ प्रमुख कंपनियाँ:

स्काईरूट एयरोस्पेस

अग्निकुल कॉसमॉस

बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस

ध्रुव

एस्ट्रोगेट

इनमें से कई कंपनियाँ रॉकेट और लॉन्च व्हीकल डेवलपमेंट तक पहुँच चुकी हैं।
स्काईरूट पहले ही 2022 में सब-ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-S लॉन्च कर चुकी है, जिसने 100 किमी की ऊंचाई तक पहुंचकर सफल मिशन पूरा किया था। अब विक्रम-I उस सफलता को ऑर्बिटल स्तर पर ले जाएगा।

पीएम मोदी की महत्वपूर्ण बातें: नया भारत, नई उड़ान

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय युवाओं की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता पर पूरा भरोसा जताते हुए कई महत्वपूर्ण संदेश दिए। उन्होंने कहा कि भारत का स्पेस सेक्टर आज विश्व का केंद्र बनता जा रहा है और यह भविष्य में रॉकेट टेक्नोलॉजी का नेता बनेगा।

पीएम मोदी के मुख्य संदेश:

“भारत आज प्राइवेट स्पेस इकोसिस्टम में बड़ी छलांग लगा रहा है। स्काईरूट का इनफिनिटी कैंपस नए भारत की सोच और नवाचार का प्रतीक है।”

“हमारे युवाओं का साहस और रिस्क लेने की क्षमता भारत को नई बुलंदियों पर ले जा रही है।”

“हमने स्पेस सेक्टर को निजी नवाचार के लिए खोला। नई स्पेस नीति बनाई, स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया—आज उसके नतीजे सबके सामने हैं।”

“300 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप भारत की नई ऊर्जा हैं। छोटी-सी टीमों से शुरू होकर ये स्टार्टअप आज वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहे हैं।”

“भारत का प्राइवेट स्पेस सेक्टर आज दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। अंतरिक्ष अब देश के लिए रणनीतिक ताकत बन गया है।”

पीएम ने स्काईरूट के संस्थापकों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जोखिम उठाने की हिम्मत दिखाई और उस पर विश्वास किया, जिसका परिणाम अब पूरे देश के सामने है।

इनफिनिटी कैंपस: भविष्य के लॉन्च वाहनों की प्रयोगशाला

हैदराबाद में स्थापित नया इनफिनिटी कैंपस आने वाले वर्षों में भारत की निजी अंतरिक्ष परियोजनाओं का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
यहां:

रॉकेट डिजाइन

इंजीनियरिंग

प्रॉपल्शन

इंटीग्रेशन

टेस्टिंग
जैसे महत्वपूर्ण कार्य एक स्थान पर किए जाएंगे।

कंपनी का मुख्यालय भी यहीं है, जिससे यह पूर्ण तकनीकी केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है।

भारत की स्पेस यात्रा: सरकारी-निजी साझेदारी का नया मॉडल

ISRO की दशकों की मेहनत और अनुभव भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में विश्व की अग्रणी शक्तियों में शामिल कर चुका है। अब इसमें निजी कंपनियों के आने से भारत का स्पेस इकोसिस्टम और मजबूत हो रहा है।
यह साझेदारी भारत को लॉन्च मार्केट, सैटेलाइट सेवा और स्पेस टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ा रही है।

भारत का भविष्य: युवा तकनीक से दुनिया को बदलने को तैयार

पीएम मोदी के अनुसार भारत का युवा आज ऐसे क्षेत्रों में काम कर रहा है, जो कुछ साल पहले असंभव लगते थे।
जनरेशन-Z के युवा इंजीनियर, वैज्ञानिक, डिजाइनर, और कोडर नई तकनीकें बना रहे हैं, जो आने वाले दशकों में दुनिया का तकनीकी स्वरूप बदल देंगी।

✨ स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!

पति धर्मेंद्र को याद कर भावुक हुईं हेमा मालिनी: सोशल मीडिया पर लिखा दर्द से भरा पोस्ट.

सर्दियों में विटामिन D क्यों घट जाता है? जानें आहार, जीवनशैली और जरूरी सावधानियों के आसान तरीके

भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक उत्तरदायित्व साथ-साथ: राष्ट्रपति का चाणक्य डिफेंस डायलॉग–2025 में संबोधन

पर्थ की पिच को मिला ‘बहुत अच्छी’ का दर्जा: दो दिन में खत्म हुए एशेज टेस्ट पर भी आईसीसी ने जताई पूरी संतुष्टि