देर रात की त्रासदी में बढ़ता मौत का आंकड़ा, जांच तेज—बरामद विस्फोटकों की अस्थिरता बनी हादसे का मुख्य कारण
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में स्थित नौगाम पुलिस स्टेशन देर रात एक ऐसे हादसे का केंद्र बन गया, जिसने पूरी घाटी को दहला दिया। शुक्रवार करीब रात 11:20 बजे अचानक हुए जोरदार विस्फोट ने न सिर्फ पुलिस स्टेशन की मुख्य इमारत को चकनाचूर कर दिया, बल्कि आसपास की दर्जनों कॉलोनियों तक दहशत की लहर दौड़ा दी। प्रारंभिक जानकारी में मौत का आंकड़ा 7 बताया गया था, लेकिन शनिवार सुबह गृह मंत्रालय की आधिकारिक पुष्टि के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है, जबकि 32 लोग घायल हुए हैं। इनमें से कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
यह हादसा ऐसे समय हुआ जब पुलिस स्टेशन परिसर में पिछले दो दिनों से बरामद किए गए संवेदनशील विस्फोटकों की फोरेंसिक प्रक्रिया जारी थी। गृह मंत्रालय ने इसे दुर्घटनावश विस्फोट बताया है और किसी भी तरह की अटकलों से बचने की अपील की है।
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विस्फोट से पहले की घटनाओं की कड़ी: आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश बना कारण
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले नौगाम पुलिस ने एक पोस्टर के सुराग के आधार पर एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इसी मामले से जुड़ी एफआईआर संख्या 162/2025 की जांच के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में विस्फोटक और रासायनिक पदार्थ मिले थे।
इन विस्फोटकों को पुलिस स्टेशन परिसर के खुले हिस्से में निर्धारित सुरक्षा मानकों के अनुसार रखा गया था। चूंकि बरामद सामग्री अत्यंत संवेदनशील और अस्थिर थी, इसलिए इन्हें विशेषज्ञों की निगरानी में जांच और निष्क्रिय करने की प्रक्रिया चल रही थी। पिछले दो दिनों से लगातार फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा था।
लेकिन शुक्रवार देर रात स्थिति अचानक बिगड़ गई और विस्फोटकों में अचानक प्रतिक्रिया होने से जोरदार धमाका हो गया।
विस्फोट के बाद का डरावना मंजर: कई वाहन खाक, इमारतें प्रभावित
धमाका (Explosion)इतना भीषण था कि:
पुलिस स्टेशन की मुख्य इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई,
आसपास की कई इमारतों—छानपोरा, सनतनगर, रावलपोरा और पंथा चौक—तक इसकी आवाज गूंजी,
परिसर में खड़े कई वाहन आग की लपटों में घिरकर राख हो गए।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि देर रात अचानक धरती जैसी कांप उठी और तेज धमाके ने नींद उड़ाते हुए पूरे इलाके को भयभीत कर दिया। कई लोगों ने यह भी बताया कि विस्फोट के बाद कुछ देर तक धुआं और आग की लपटें दिखाई देती रहीं।
धमाके के तुरंत बाद पुलिस, दमकल और राहत टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि राहत कार्यों में काफी कठिनाई आई।
मरने वालों में पुलिसकर्मियों की संख्या अधिक, कई गंभीर
गृह मंत्रालय के अनुसार इस हादसे में:
9 लोगों की मृत्यु हुई,
27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी, और तीन स्थानीय नागरिक घायल हुए।
घायलों को श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर है। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए विशेष टीमें तैनात की हैं।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, पूरे क्षेत्र को सील किया गया
धमाके के बाद पूरा नौगाम क्षेत्र सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। पुलिस और केंद्रीय बलों ने इलाके में एहतियातन सीलिंग अभियान चलाते हुए सभी प्रवेश द्वारों पर नाकेबंदी लगा दी। आसपास के घरों को भी सुरक्षा कारणों से खाली कराकर निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
जांच टीमें लगातार घटनास्थल का निरीक्षण कर रही हैं, ताकि विस्फोट के तकनीकी कारणों को स्पष्ट किया जा सके।
सरकार की अपील—अनुमानों से बचें, जांच रिपोर्ट का इंतजार करें
संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने स्पष्ट कहा है कि यह दुर्घटनावश विस्फोट है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि किसी भी तरह की अफवाहें या गलत व्याख्याएं इस संवेदनशील माहौल में भ्रम पैदा कर सकती हैं।
सरकार ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि घायल लोगों के उपचार और प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों में भय और चिंता
घटना के बाद से नौगाम और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। कई लोग अभी भी अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। बच्चे और बुजुर्ग इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतनी रात गए हुए धमाके ने उन्हें 90 के दशक की कड़वी यादों की ओर धकेल दिया है।
जांच से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल
इस विस्फोट के बाद कई महत्वपूर्ण सवाल उठे हैं, जिनके उत्तर जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएंगे—
क्या विस्फोटकों की संवेदनशीलता का मूल्यांकन पर्याप्त रूप से किया गया था?
क्या फोरेंसिक प्रक्रिया के दौरान कोई रासायनिक प्रतिक्रिया अनजाने में सक्रिय हुई?
क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल में कोई तकनीकी कमी थी?
बरामद विस्फोटकों की मात्रा और प्रकृति कितनी खतरनाक थी?
जांच एजेंसियां अभी इन सवालों की तह में जा रही हैं।
पूरा जम्मू-कश्मीर शोक में, अधिकारियों का घटनास्थल पर दौरा जारी
राज्य प्रशासन और केंद्रीय सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। गृह मंत्रालय लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है। संवेदनशील जिलों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
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