भोपाल। नए साल की शुरुआत के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग को एक नया नेतृत्व मिला है। श्री मनोज श्रीवास्तव ने 1 जनवरी 2025 को राज्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार ग्रहण किया। पदभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने आयोग की कार्यप्रणाली और आगामी चुनाव संबंधी तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की।
पहली बैठक में कार्यप्रणाली की समीक्षा
पदभार ग्रहण करने के बाद, श्री श्रीवास्तव ने सचिव राज्य निर्वाचन आयोग, अभिषेक सिंह, और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य आयोग की वर्तमान स्थिति, उसकी कार्यप्रणाली, और चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को समझना था। अभिषेक सिंह ने आयोग द्वारा स्थानीय निकायों के चुनाव में अपनाए जा रहे नवाचारों की विस्तार से जानकारी दी।
चुनाव प्रक्रिया में नवाचारों पर जोर
सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि आयोग ने हाल ही में स्थानीय निकाय चुनावों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए कई तकनीकी और प्रक्रियात्मक सुधार लागू किए हैं। इनमें ई-वोटिंग के परीक्षण, मतदान केंद्रों पर डिजिटलीकरण, और मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन शामिल है। इन नवाचारों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को तेज, निष्पक्ष, और समावेशी बनाना है।
अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में आयोग के उप सचिव, श्री मनोज मालवीय, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर अधिकारियों ने श्री श्रीवास्तव को शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में आयोग की कार्यक्षमता में सुधार और वृद्धि की आशा व्यक्त की।
राज्य निर्वाचन आयुक्त की प्राथमिकताएं
पदभार संभालने के बाद, श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी प्राथमिकता चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि स्थानीय निकायों के चुनाव में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित हो और आयोग की कार्यप्रणाली जनता के विश्वास को बनाए रखे।”
आयोग का आगामी एजेंडा
राज्य निर्वाचन आयोग के लिए आगामी महीनों में कई महत्वपूर्ण चुनाव प्रक्रिया आयोजित करनी है। इन चुनावों में तकनीकी नवाचारों के साथ-साथ प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर रहेगा। श्रीवास्तव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मतदाता सूची को अद्यतन करने और मतदान प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी की जाएं।
निष्कर्ष
श्री मनोज श्रीवास्तव के नेतृत्व में राज्य निर्वाचन आयोग अब एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। उनके अनुभव और निर्णय क्षमता से न केवल चुनाव प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करेगा। स्थानीय निकायों के आगामी चुनाव इस दिशा में एक महत्वपूर्ण परीक्षा होंगे।