कुशाभाऊ ठाकरे सम्मेलन केंद्र में प्रदेश के बुद्धिजीवियों, प्रशासकों, विशेषज्ञों और युवाओं ने साझा किए भविष्य के संकल्प

भोपाल। मध्यप्रदेश–छत्तीसगढ़ के प्रमुख दैनिक स्वदेश ज्योति समूह द्वारा शनिवार को आयोजित किया गया विशेष चिंतन-सत्र “विकसित मध्यप्रदेश @ 2047: विकास भी, विरासत भी” प्रदेश के भावी स्वरूप पर एक दूरदर्शी विमर्श के रूप में उभरा। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रशासन, सेना, चिकित्सा, आवास, स्थानीय शासन और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े अनुभवी वक्ताओं ने प्रदेश की दिशा व दशा को लेकर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का उद्देश्य था—2047 तक विकसित मध्यप्रदेश की परिकल्पना को ठोस रूप देना और उन चुनौतियों व अवसरों को पहचानना जो आने वाले वर्षों में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

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swadesh jyoti conclave Photograph: (swadesh jyoti conclave)


जनभागीदारी लोकतंत्र की आत्मा: अजातशत्रु श्रीवास्तव

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के सदस्य और पूर्व आईएएस अधिकारी अजातशत्रु श्रीवास्तव ने कहा कि जनभागीदारी ही लोकतंत्र की आत्मा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए आवश्यक है कि जनता स्वयं सहभागी बने।

उन्होंने कहा कि:

  • सीएम हेल्पलाइन जैसी व्यवस्थाएँ जमीनी स्तर की समस्याओं को सरकार तक पहुँचाने में मील का पत्थर साबित हुई हैं।

  • शासन द्वारा ऋण लेना विकास का संकेत है, क्योंकि इससे राज्य की आर्थिक गति बढ़ती है।

  • जनभागीदारी को ग्राम पंचायत से संसद तक मजबूत किया जाना चाहिए, जिससे नीतियों का प्रभाव वास्तविक रूप से दिख सके।

  • स्वच्छता अभियान से लेकर शिक्षा और महिला सशक्तिकरण तक, हर क्षेत्र में जनसहभागिता निर्णायक तत्व रही है।

  • पत्रकारिता इस भागीदारी को दिशा देती है और जनता–सरकार के बीच संवाद स्थापित करती है।

उन्होंने कहा कि पंच परमेश्वर जैसी व्यवस्थाएँ जनभागीदारी की सर्वोत्तम मिसाल हैं और यही विकसित भारत और विकसित मध्यप्रदेश की नींव रखती हैं।

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राष्ट्र निर्माण में अनुशासन की अनिवार्यता: मेजर जनरल टीपीएस रावत

सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मेजर जनरल टीपीएस रावत (एवीएसएम, वीएसएम) ने अपने संबोधन में कहा कि अनुशासन के बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं। उन्होंने बताया कि:

  • अनुशासन की शुरुआत घर और विद्यालय से होती है।

  • युवाओं में राष्ट्र भावना तभी पनपेगी जब उन्हें वास्तविक देशभक्ति की कहानियाँ और उदाहरण बताए जाएँ।

  • उन्होंने फ़िल्म 120 बहादुर का उल्लेख करते हुए कहा कि सैनिक किस प्रकार माइनस तापमान में भी देश के लिए तत्पर रहते हैं—यह युवा पीढ़ी को जानना चाहिए।

  • समय प्रबंधन, जिम्मेदारी और सिद्धांतों पर चलना किसी भी राष्ट्र की प्रगति के आधार स्तंभ हैं।

  • उन्होंने वैश्विक परिदृश्य का उदाहरण देते हुए कहा कि आर्थिक रूप से शक्तिशाली राष्ट्र ही प्रभावशाली होते हैं, और भारत अब उसी दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।

मेजर जनरल रावत ने कहा कि देश सर्वोपरि की भावना हर नागरिक, विशेषकर युवाओं में होनी चाहिए। यही भावना भारत को विश्वगुरु बनाएगी।

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swadesh jyoti conclave Photograph: (swadesh jyoti)


लोक सेवा का ढांचा सुदृढ़ होना चाहिए: कवीन्द्र कियावत

पूर्व आईएएस कवीन्द्र कियावत ने कहा कि यदि 2047 तक विकसित मध्यप्रदेश का लक्ष्य प्राप्त करना है तो लोक सेवा ढांचा मजबूत होना अनिवार्य है।

उन्होंने बताया कि:

  • शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीक के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है, परंतु इसे और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है।

  • गुड गवर्नेंस का एक प्रभावी मॉडल विकसित करना महत्वपूर्ण है, जिससे लोक सेवकों में सकारात्मक कार्य-संस्कृति विकसित हो।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की योजनाओं को पहुँचाने के लिए गाँव–गाँव कनेक्टिविटी को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

  • अति अवकाश व्यवस्था से कार्य प्रक्रियाएँ प्रभावित होती हैं, इस पर पुनर्विचार आवश्यक है।

  • गुणवत्ता आधारित विकास—चाहे वह सड़कें हों, भवन हों या डिजिटल सुविधाएँ—प्रदेश की प्रगति का आधार बनना चाहिए।

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स्वास्थ्य ढाँचा मजबूत हो, नर्सिंग स्टाफ बढ़े: डॉ. अनूप हजेला

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि और भोपाल के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. अनूप हजेला ने स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा:

  • विकसित मध्यप्रदेश का पहला आधार—स्वस्थ नागरिक है।

  • एक डॉक्टर के अनुपात में 100 नर्सिंग स्टाफ तैयार किए जाने चाहिए, तभी स्वास्थ्य तंत्र मजबूत होगा।

  • निजी अस्पतालों को मिलने वाली सुविधाओं में जटिलताएँ हैं, जिनका सरलीकरण आवश्यक है, क्योंकि आम नागरिक आपात स्थिति में इन्हीं पर निर्भर करता है।

  • पीपीपी मोड पर खुल रहे मेडिकल कॉलेज अच्छे डॉक्टर तैयार करेंगे, परंतु नर्सिंग शिक्षा में सुधार समान रूप से ज़रूरी है।

  • निजी अस्पतालों की स्थापना के नियम सरल हों, ताकि स्वास्थ्य सेवा सुलभ और किफायती बन सके।

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अवैध प्लॉटिंग पर रोक और मास्टर प्लान लागू हो: प्रणव प्रधान

रियल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञ और क्रेडाई पदाधिकारी प्रणव प्रधान ने कहा:

  • हर व्यक्ति के अपने घर का सपना पूरा करना सरकारी और निजी क्षेत्र, दोनों की जिम्मेदारी है।

  • बढ़ती अवैध प्लॉटिंग पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि शहरों का संतुलित विकास हो सके।

  • बिना अनुमति कॉलोनी काटने वालों की तुलना उन्होंने कतरन बफी से की, जो अनियंत्रित और अव्यवस्थित विकास का कारण बनते हैं।

  • राजधानी भोपाल में व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार स्वाभाविक है, पर इसके लिए स्पष्ट और प्रभावी मास्टर प्लान आवश्यक है।

  • बिल्डरों की आवासीय योजनाओं को सरल और पारदर्शी प्रक्रिया से स्वीकृति मिलनी चाहिए, जिससे विकास की गति तेज हो।

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